चमोली: उत्तराखंड में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जोशीमठ (Joshimath) के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. 500 से अधिक घरों में भूस्खलन की वजह से दरारें आ गई हैं. दरारे भी इतनी गहरी कि देखकर ही मौत का डर सामने आ जाए. हालात इस कदर संवेदनशील हैं कि लोग घरों के बाहर ही रात गुजारने को मजबूर हैं कई जगहों पर रास्ते भी टूट गए हैं. सड़कों पर भी दरारें खौफ को दिखा रही हैं. यहां के स्थानीय लोगों को हर वक्त किसी अनहोनी की आशंका सता रही हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में भूमि धंसने और कस्बे के कई घरों में दरारें आने की खबर के मद्देनजर कहा कि बचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. स्थिति का जायजा लेने और आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री धामी जल्द ही जोशीमठ का दौरा करेंगे.
जोशीमठ में हालात चिंताजनक
जोशीमठ को लेकर मुख्यमंत्री @pushkardhami का बड़ा बयान। ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।#SaveJoshimath #जोशीमठ_बचाओ pic.twitter.com/Y7QG3o0ooT
— Ramesh Bhatt (@Rameshbhimtal) January 5, 2023
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एएनआई से बात करते हुए कहा, '"मैं आने वाले दिनों में जोशीमठ का दौरा करूंगा और स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाऊंगा. सभी रिपोर्टों की निगरानी की जाएगी और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. मैंने स्थिति की निगरानी के लिए नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से बात की है.
जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी का रिसाव होने से घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं. शैलेंद्र पवार ने कहा, "मैं पूरी स्थिति पर चर्चा करने के लिए सीएम धामी से मिलने देहरादून गया था.
इस बीच, उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ कस्बे में भूस्खलन की घटनाओं के बाद लोग अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं. जोशीमठ कस्बे में सर्दी का मौसम और भूस्खलन के कारण मकान गिरने का खतरा अब एक प्रमुख मुद्दा बन गया है. जोशीमठ शहर के नौ वार्ड भूस्खलन से व्यापक रूप से प्रभावित हुए हैं. शहर के इलाके में घरों की दीवारों और फर्श में दरारें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं, जो लोगों के लिए खतरे की घंटी है.
शैलेंद्र पवार ने बताया कि इस धंसने से नगर क्षेत्र के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, "नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है." कस्बे के अन्य 574 मकानों की तरह ही जोशीमठ नगर क्षेत्र की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष माधवी सती के मकान को भी जमीन धंसने ने पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है, जिसमें भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं.
चमोली के जोशीमठ नगर में हो रहे भारी भूस्खलन के विरोध के में स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जल विद्युत परियोजना एनटीपीसी के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द जोशीमठ में कार्यरत जल विद्युत परियोजना के कार्य को रोकने और जोशीमठ के ट्रीटमेंट के लिए उचित प्रयास करने की मांग की गई.