चीन के लिए बड़ा झटका, कच्चे उत्पाद का प्रयोग भारत में बंद, अब स्वदेशी माल से बनेगा कपड़ा
भारतीय बाजार कई मशीनों और कच्चे उत्पाद के लिए लंबे समय से चीन पर निर्भर रहा है। लेकिन कोरोना संकट काल में लॉकडाउन के बाद पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया, तो पूरे भारत ने उसे स्वीकार किया
भारतीय बाजार कई मशीनों और कच्चे उत्पाद के लिए लंबे समय से चीन (China) पर निर्भर रहा है. लेकिन कोरोना संकट काल में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया, तो पूरे भारत (India) ने उसे स्वीकार किया. जिसका नतीजा ये रहा कि जिस सामान के लिए चीन पर निर्भर रहना पड़ता था वो अब अपने देश में ही आसानी से प्राप्त करने लगे हैं. दरअसल देश में बनी वस्तुओं का प्रयोग करने के लिए और उन्हें बढ़ावा देने के लिए वोकल फॉर लोकल का नारा दिया. इस दिशा में अब कई छोटे-बड़े लघु उद्योगों ने काम करना भी शुरू कर दिया है.
इसकी एक तस्वीर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में देखने को मिल रही है. जहां के बुनकर स्वदेशी पावरलूम और मशीनरी खरीद कर पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान और वोकल फॉर लोकल के संदेश को चरितार्थ कर रहे हैं.दरअसल टेक्सटाइल व्यापारियों ने बहुत पहले ही कपड़ा बनाने के लिए प्रयोग में होने वाले धागे को बाहर से मंगाना बंद कर दिया था, अब चीनी पावरलूम और मशीनरी खरीदना और उसपर काम करना भी बंद कर दिया है.टेक्साइल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कन्हैया मित्तल बताते हैं कि पहले चीन से यार्न यानी सूत, फैब्रिक, रैग्जिन और भी बहुत आइटम मंगाए जाते थे. यह भी पढ़े: ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने का पीएम मोदी ने बताया फार्मूला, बोले- फिर तेजी से उठ खड़ी होगी हमारी अर्थव्यवस्था
लेकिन अब तय कर लिया है कि उन्हें हीं नहीं मंगायेंगे और न ही उनसे कपड़ा बनाएंगे. वहीं टेक्साइल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के ही सचिव गोपाल दरगड बताते हैं कि चीन से इसलिए मंगाते थे क्योंकि वहां के यार्न आदि और मशीन सस्ती मिलती थी, लेकिन अब अपने देश की ही मशीन से लेकर सभी कच्चे उत्पाद लेंगे और यहीं के सामान से कपड़ा बनाएंगे। अब भारतीय मशीनों से बने कपड़े ही पूरे देश में भेजा जा रह हैं.