चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सरकार हुई सख्त, अब 7 साल की हो सकती है सजा

चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कोई सामग्री व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए, देखने के लिए अथवा रखने पर आपको कड़ी सजा मिल सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (photo credit- File Photo)

Child pornography: चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कोई सामग्री व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए, देखने के लिए अथवा रखने पर आपको कड़ी सजा मिल सकती है. जी हां अगर आपके पास से चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कोई अवांछनीय विडियो आडियो क्लिप मिलते हैं, तो आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है साथ ही पांच साल तक की सजा मिल सकती है वहीं दूसरी बार दोषी पाए जाने पर आरोपी को सात साल तक जेल की सजा मिल सकती है. इस अपराध को गैर जमानती अपराध माना जाएगा.

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के अंतर्गत इस प्रस्तावित संशोधन में चाइल्ड पोर्नोग्रफी से जुड़ी हर जानकारी के साथ-साथ इससे जुड़ी अश्लील तस्वीरें एवं विडियोज वॉट्सऐप पर रखे जाने की सूचना नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रावधान शामिल है. इस प्रस्ताव को अभी कानून मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से मंजूरी मिलना बाकी है. माना जा रहा है कि दोनों ही मंत्रालय इसे अगले हफ्ते तक मंजूरी दे देंगे ताकि संशोधन को कैबिनेट के सामने रखा जा सके.

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यह संशोधन पॉक्सो अधिनियम की धारा 14 के तहत उस तरह के किसी शख्स पर कम से कम 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो बच्चों से जुड़ी किसी भी तरह की अश्लील सामग्री रखता है या उनका संग्रह करता है और इसे डिलीट नहीं करता है. इस सामग्री को पूरी तरह खत्म नहीं करता या संबंधित प्राधिकारी को इसकी जानकारी नहीं देता है. यदि कोई शख्स दोबारा इस तरह के अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो उसे 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा. सरकार यह कदम बच्चों से संबंधित यौन शोषण को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाने के लिए प्रयासरत है.

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