बिहार: खतरे के निशान से ऊपर बह रही है गंगा, नीतीश ने प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वे
बिहार (Bihar) में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण पटना व आसपास के इलाकों में पानी भरने लगा है. गंगा सहित कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद पटना के कई इलाकों में बाढ़ का पानी ( Flood affected Areas) प्रवेश कर गया है. शुक्रवार को भी गंगा, गंडक और बागमती कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया.
बिहार (Bihar) में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण पटना व आसपास के इलाकों में पानी भरने लगा है. गंगा सहित कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद पटना के कई इलाकों में बाढ़ का पानी ( Flood affected Areas) प्रवेश कर गया है. शुक्रवार को भी गंगा, गंडक और बागमती कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है और साथी ही कई आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं.
बता दें कि, बिहार में गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण पटना और इसके आसपास के इलाकों में भी पानी प्रवेश कर गया है. गंगा के उफान के कारण बक्सर, भागलपुर और मुंगेर में भी बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश करने लगा है. इन इलाकों में लगी सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई. प्रखंड की काला दियारा, रूपस-मरुआही, चिरैया, हरदासपुर और सतभैया रामनगर पंचायतों के गांव के निचले इलाकों में गंगा का पानी घुस जाने से वहां के लोग पलायन करने पर मजबूर हैं.
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उत्तर भारत में इस समय बाढ़ का माहौल है. बिहार के बगल राज्य उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और में गंगा और यमुना ने रौद्र रूप धारण कर रखा है. आलम ऐसा है कि बड़ी नदियों से सटे निचले इलाकों में पानी भर जाने से बाढ़ की स्थिति गम्भीर बनी हुई है. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. बचाव के लिए राहत कार्य जारी है. बाढ़ का असर खासकर प्रयाग, वाराणसी, गोंडा, अयोध्या, बलिया और मिर्जापुर में देखने को मिल रहा है. यहां पर जलस्तर बढ़ने के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं.