छत्तीसगढ़: पत्नी ने मायके से लाकर नहीं दिए 1 लाख रुपये तो पति ने कह दिया - तलाक,तलाक,तलाक
केंद्र सरकार ने भले ही तीन तलाक (Triple Talaq) बिल पास कर तीन तलाक के खिलाफ कानून बना दिया गया हो, लेकिन उसके बावजूद तीन तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है. जहां पर पत्नी को पति ने बस इसलिए तलाक दे दिया कि उसने एक लाख रूपये मायके से लाकर नहीं दिया. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के केलहारी गांव की एक महिला ने तलाक के बाद अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पति ने व्यपार के लिए एक लाख रूपये की डिमांड रखी थी. पति ने कहा था कि अपने पिता से मांगकर दें. लेकिन पीड़िता ने पति को अपने माता-पिता की गरीबी के बारे में बताया. पीड़ित महिला ने बताया की मां-बाप इतना पैसा देने में असमर्थ हैं. लेकिन उसके बाद पति भड़क गया और उसने पत्नी को तलाक दे दिया.
केंद्र सरकार ने भले ही तीन तलाक (Triple Talaq) बिल पास कर तीन तलाक के खिलाफ कानून बना दिया गया हो, लेकिन उसके बावजूद तीन तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है. जहां पर पत्नी को पति ने बस इसलिए तलाक दे दिया कि उसने एक लाख रूपये मायके से लाकर नहीं दिया. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के केलहारी गांव की एक महिला ने तलाक के बाद अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पति ने व्यपार के लिए एक लाख रूपये की डिमांड रखी थी. पति ने कहा था कि अपने पिता से मांगकर दें. लेकिन पीड़िता ने पति को अपने माता-पिता की गरीबी के बारे में बताया. पीड़ित महिला ने बताया की मां-बाप इतना पैसा देने में असमर्थ हैं. लेकिन उसके बाद पति भड़क गया और उसने पत्नी को तलाक दे दिया.
आरोपी पति ने अपनी पत्नी को तलाक देने के बाद कहा कि अगर उसने पुलिस के आगे मुंह खोला तो वो मार देगा. जिसके बाद महिला ने पुलिस स्टेशन जाकर अपने दो देवर समेत पति और अन्य पर केलहारी थाने दहेज का मामला दर्ज कराया है. वहीं इस मामले में कर्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी के दो भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है. पति समेत अन्य अभी फरार हैं. यह भी पढ़ें:- योगी सरकार का बड़ा एलान, ट्रिपल तलाक से पीड़ित महिलाओं को मिलेगा सालाना 6000 रुपये.
गौरतलब हो कि पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश से एक ट्रिपल तलाक का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था. जहां एक शख्स ने अपनी पत्नी को अदालत के बाहर तीन तलाक दे दिया था. जिसके बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया था. दरअसल चार साल तक जुल्म सहने के बाद फरवरी, 2016 में उसने पति का घर छोड़ दिया था और मोहनलालगंज थाने में दहेज के लिए प्रताड़ना और घरेलू हिंसा की शिकायत कर प्राथमिकी दर्ज कराई थी. मामले की सुनवाई कोर्ट में हो रही थी.