दिल्ली-एनसीआर में बिकेंगे पटाखे? केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा ये प्रस्ताव
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नई दिल्ली: त्योहारों का सीजन शुरू होने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में पटाखों को लेकर बहस फिर तेज हो गई है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सख्त शर्तों और निगरानी के तहत सीमित रूप से ग्रीन क्रैकर की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी जाए. केंद्र ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि सिर्फ National Environmental Engineering Research Institute (NEERI) द्वारा स्वीकृत ग्रीन क्रैकर ही बनाए और बेचे जा सकेंगे. लड़ी पटाखे पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. बिक्री केवल लाइसेंसधारी दुकानदारों के माध्यम से ही हो सकेगी, जबकि Amazon और Flipkart जैसी ई-कॉमर्स साइट्स को ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर रोक होगी.

पटाखे फोड़ने के लिए तय होगा समय

केंद्र ने प्रस्ताव दिया है कि पटाखे फोड़ने के लिए सीमित समय निर्धारित किया जाए ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके. दिवाली और अन्य प्रमुख त्योहारों पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. क्रिसमस और न्यू ईयर की रात 11:55 से 12:30 बजे तक का समय तय किया गया है. गुरुपुरब पर सुबह एक घंटे और शाम को एक घंटे की अनुमति होगी. शादियों और निजी आयोजनों में भी केवल ग्रीन क्रैकर ही इस्तेमाल किए जा सकेंगे.

सख्त निगरानी और QR कोड सिस्टम

केंद्र ने निगरानी के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया है. पटाखा निर्माता कंपनियों को हर प्रोडक्ट के लिए QR कोड Petroleum and Explosives Safety Organisation (PESO) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देना होगा. उत्पादन और बिक्री का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा. समय-समय पर पटाखों की जांच की जाएगी. PESO और राज्य एजेंसियां निर्माण इकाइयों, गोदामों और दुकानों पर छापेमारी करेंगी. नियम तोड़ने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.

जागरूकता अभियान भी होगा शुरू

केंद्र ने लोगों को ग्रीन क्रैकर और प्रदूषण से जुड़े खतरों के बारे में जागरूक करने पर भी जोर दिया है. इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Sameer App और Green Delhi App का इस्तेमाल कर शिकायतें दर्ज करवाई जा सकेंगी. इससे नियमों का पालन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

प्रदूषण पर सटीक आंकड़ों की निगरानी

केंद्र ने साफ किया है कि प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी. Council of Scientific and Industrial Research – NEERI ग्रीन क्रैकर पर और रिसर्च करेगा, जबकि Central Pollution Control Board (CPCB) और राज्य प्रदूषण बोर्ड लगातार एयर क्वालिटी मॉनिटर करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई

केंद्र का यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट में पटाखा निर्माताओं की याचिकाओं पर सुनवाई जारी है. कई संगठनों ने दलील दी है कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध अनुचित है क्योंकि दिल्ली की सर्दियों में प्रदूषण के बड़े कारण पराली जलाना और वाहन उत्सर्जन हैं.