CBSE का बड़ा फैसला, अब हर स्कूल में लगेंगे हाई-रिजॉल्यूशन ऑडियो-विजुअल CCTV कैमरे
Representational Image | Pixabay

सीबीएसई (CBSE) ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है. अब देशभर के सभी सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में हाई-रिजॉल्यूशन ऑडियो-विजुअल CCTV कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. यह निर्णय छात्रों को एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. नए नियमों के अनुसार, स्कूलों के प्रवेश और निकास द्वार, कॉरिडोर, सीढ़ियां, क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, कैंटीन, और खेल मैदान जैसे आम स्थानों पर कैमरे लगाए जाएंगे. सिर्फ टॉयलेट और वॉशरूम को इससे छूट दी गई है.

CBSE का बड़ा फैसला, अगले साल से 2 बार होंगी 10वीं बोर्ड परीक्षा, जानें क्या होगा नया सिस्टम.

इन कैमरों की कम से कम 15 दिन की रिकॉर्डिंग स्टोरेज भी सुनिश्चित करनी होगी, जिसे जरूरत पड़ने पर प्रशासनिक अधिकारी देख सकेंगे.

2021 के NCPCR गाइडलाइन से मेल

यह कदम बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की गाइडलाइन के अनुरूप है, जिसमें बच्चों को स्कूलों में मानसिक और शारीरिक सुरक्षा, बुलीइंग से बचाव, और एक सकारात्मक वातावरण देने की सिफारिश की गई थी.

हालिया घटनाओं के बाद लिया गया फैसला

सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ समय में छात्रों के साथ हुए घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने सभी स्कूलों को एक महीने के भीतर नियमों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. देशभर में सीबीएसई से 30,984 स्कूल मान्यता प्राप्त हैं.

स्कूल प्रिंसिपलों और संस्थानों की प्रतिक्रिया

गाजियाबाद के एक निजी स्कूल के निदेशक अंकुर सिंघल ने कहा, "हमारे स्कूल में पहले से CCTV लगे हैं और इससे हम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाते हैं." वहीं, बाल भारती पब्लिक स्कूल, नोएडा की प्रिंसिपल और NPSC की चेयरपर्सन आशा प्रभाकर ने कहा, "यह कदम सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाएगा. हाई-टेक कैमरे स्कूलों के साथ-साथ प्रशासन को भी सहूलियत देंगे."

हालांकि कुछ सरकारी स्कूलों के अधिकारियों ने यह भी बताया कि पुराने कैमरे अब भी बिना अपडेट के चल रहे हैं, और इनकी मेंटेनेंस भी नियमित नहीं होती.

परीक्षा केंद्रों में पहले से लागू है CCTV पॉलिसी

सीबीएसई ने पिछले साल सितंबर में एक पॉलिसी जारी कर सभी परीक्षा केंद्रों में CCTV निगरानी को अनिवार्य कर दिया था ताकि बोर्ड परीक्षा की निष्पक्षता बनी रहे.