ओमन चांडी के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई की टीम पहुंची विजयन के आवास पर
पिनाराई विजयन और ओमान चांडी (Photo Credits: Twitter)

तिरुवनंतपुरम, 3 मई : सीबीआई के अधिकारी मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) के आधिकारिक आवास पहुंचे. सीबीआई कुख्यात सौर घोटाले में मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच करने और सबूत जुटाने के लिए यहां पहुंची है. दरअसल कांग्रेस नेता ओमान चांडी मुख्यमंत्री रहने के दौरान यहीं रहते थे. चांडी 2011-16 तक अपने परिवार और कर्मचारियों के साथ क्लिफ हाउस में रहते थे.

सीबीआई ने सौर घोटाले में मुख्य आरोपी की शिकायत के आधार पर छह मामले दर्ज किए. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि छह नेताओं द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया गया था, जिसमें पांच शीर्ष कांग्रेस नेता शामिल हैं. इनमें चांडी, लोकसभा सदस्य अदूर प्रकाश, एआईसीसी महासचिव (संगठन) हिबी ईडन, राज्यसभा सदस्य के.सी. वेणुगोपाल और पूर्व राज्य मंत्री और कांग्रेस विधायक ए.पी. अनिल कुमार के अलावा राष्ट्रीय भाजपा उपाध्यक्ष ए.पी. अब्दुल्ला कुट्टी का नाम शामिल है. यह भी पढ़ें : अडाणी विल्मर ने ‘कोहिनूर’ सहित कई ब्रांड खरीदे, खाद्य कारोबार को मजबूत करने का इरादा

शिकायतकर्ता की मौजूदगी में टीम घर से सबूत जुटाएगी. शिकायत में लिखा है कि चांडी के तत्कालीन सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें 2012 में क्लिफ हाउस बुलाया था. वहीं चांडी ने उसका यौन शोषण किया. 5 अप्रैल को, जांच दल, 'पीड़िता' के साथ, ईडन के खिलाफ मामले में साक्ष्य संग्रह के हिस्से के रूप में उच्च सुरक्षा वाले केरल विधानसभा क्वार्टर में पहुंचा. संयोग से, 'पीड़िता' ने विजयन के खिलाफ शिकायत की थी, जिन्होंने इसे सीबीआई को सौंप दिया था. अप्रैल 2021 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, विजयन ने याचिका को सीबीआई को भेज दिया, जो जांच करने के लिए सहमत हो गई. यह भी पढ़ें : अडाणी विल्मर ने ‘कोहिनूर’ सहित कई ब्रांड खरीदे, खाद्य कारोबार को मजबूत करने का इरादा

इसके बाद, सीबीआई अब तक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत में तीन मामले और सीजेएम कोच्चि अदालत में एक मामला दायर कर चुकी है. हालांकि, केरल पुलिस की जांच में पाया गया था कि अपराध साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है और चांडी ने हमेशा कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और किसी भी जांच से डरते नहीं हैं और जांच में पूरा सहयोग करेंगे. 2016 में चांडी सरकार को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने का एक मुख्य कारण चांडी के कार्यालय के 'पीड़िता' और कुछ अन्य लोगों से जुड़े घोटाले थे, जिनका वामपंथियों ने अपने चुनाव अभियान में व्यापक रूप से उपयोग किया था. महिला और उसके तत्कालीन लिव-इन पार्टनर ने कथित तौर पर सौर योजनाओं की बिक्री की और कई लोगों से धन एकत्र किया और उन्हें धोखा दिया. इस बीच, चांडी के कुछ कार्यालय कर्मचारियों के साथ उनके संबंध सामने आए, जो वामपंथियों का सबसे बड़ा अभियान मुद्दा बन गया. यह एक कारण था कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार, को 2016 में हार का सामना करना पड़ा.