दिल्ली BJP अध्यक्ष मनोज तिवारी को बंद मकान की सील तोड़ना पड़ा भारी, दर्ज हुई FIR
दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में एक मकान की सील तोड़ने के मामले को लेकर मनोज तिवारी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. तिवारी पर आईपीसी की धारा 188 और दिल्ली नगर निगम कानून की धारा 461 और 465 में केस दर्ज किया गया है.
नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाने पर मश्किलों में पड़ते नजर आ रहें हैं. दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में एक मकान की सील तोड़ने के मामले को लेकर मनोज तिवारी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. तिवारी पर आईपीसी की धारा 188 और दिल्ली नगर निगम कानून की धारा 461 और 465 में केस दर्ज किया गया है. एफआईआर होने के बाद मनोज तिवारी ने कहा, अगर सीलिंग गलत तरीके से किया गया है तो हम इसका विरोध करेंगे और इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. मैं अरविंद केजरीवाल को चैलेंज करता हूं वे कॉलोनियों का दौरा करें और दिल्ली के लोगों को जवाब दें. हम भी एक एफआईआर दर्ज कराएंगे.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने 16 सितंबर को नगर पालिका अधिकारियों के पिक एंड चूज सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली के गोकुलपुर में एक अवैध कॉलोनी में सील किए गए एक घर का लॉक तोड़ दिया था. बता दें कि दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अवैध कॉमर्शियल निर्माणों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई हो रही है.
बता दें कि मनोज तिवारी द्वारा इस सीलबंद घर का ताला तोड़े जाने का कथित वीडियो सामने रविवार के बाद सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिस पर बाद में विवाद खड़ा हो गया था. आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी की नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब सीलिंग ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन ने दिया इस्तीफा
मामले में केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी सुबह में सीलिंग करती है और शाम में ताला तोड़ती है. क्या वह समझती है कि लोग बेवकूफ हैं. इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के खिलाफ एमसीडी ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी.
क्या है दिल्ली सीलिंग मामला
दिल्ली में हर निर्माण के लिए एमसीडी से इजाजत जरूरी है. अवैध निर्माण की शिकायतों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 2005 में एक्शन का आदेश दिया. सीलिंग विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण की सीलिंग के आदेश दिए. यह भी पढ़ें- करतारपुर कॉरिडोर मामला: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नवजोत सिंह सिद्धू को लगाई फटकार
मामले में सरकार ने सीलिंग से बचाने के लिए कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया. कन्वर्जन चार्ज देकर दुकानदार सीलिंग से बच सकते हैं. कई कारोबारियों ने कन्वर्जन चार्ज नहीं दिया, जिस पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों और प्रापर्टी को सील करने का आदेश दिया. जिसके बाद दिल्ली में दिसंबर 2017 से सीलिंग चल रही है.