भगवान परशुराम पर अभद्र टिप्पणी के मामले में बीएचयू के प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आयुर्विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के एक प्रोफेसर पर भगवान परशुराम को कथित तौर पर हत्यारा कहने और उनकी तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
वाराणसी, 7 जनवरी : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आयुर्विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के एक प्रोफेसर पर भगवान परशुराम को कथित तौर पर हत्यारा कहने और उनकी तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर ओम शंकर ने राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए लखनऊ में भगवान परशुराम के मंदिर में पूजा करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की आलोचना की थी.
वाराणसी के लंका पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, प्रोफेसर ने फेसबुक पोस्ट की एक सीरीज में कथित तौर पर भगवान परशुराम को पौराणिक हत्यारा के रूप में संदर्भित किया और उनकी तुलना आधुनिक हत्यारा (गोडसे) से की. प्रोफेसर ने कहा कि दोनों में कोई अंतर नहीं है. ओम शंकर ने कथित तौर पर अपनी पोस्ट में कहा, जो लोग परशुराम की वकालत करते हैं वे गोडसे की भी वकालत करते हैं. प्रोफेसर ने व्यंग्यात्मक रूप से सपा से गोडसे की एक प्रतिमा का भी अनावरण करने के लिए कहा, ताकि एक नए समाजवाद का जन्म हो सके. यह भी पढ़ें : सूरक्षा चूक : केंद्र की जांच समिति फिरोजपुर पहुंची, पंजाब सरकार ने सौंपी रिपोर्ट
शंकर ने कथित तौर पर अपने पोस्ट में कहा था कि इससे सपा को सभी ब्राह्मण वोट हासिल करने में मदद मिलेगी. सनातन धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है और वह हिंदू धर्मावलंबियों के लिए पूजनीय हैं. वाराणसी के एक वकील सौरभ तिवारी की शिकायत पर उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.