बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया और देना बैंक के विलय को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी, एक भी कर्मचारी की नहीं होगी छंटनी

सरकार ने देना बैंक और विजया बैंक को सरकारी क्षेत्र के ही एक बड़े बैंकिंग प्रतिष्ठान बैंक ऑफ बड़ौदा में मिलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसका उद्देश्य भारतीय बैंकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाना है.

बैंक ऑफ बड़ौदा (Photo Credits: Flickr)

नई दिल्ली: सरकार ने देना बैंक (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) को सरकारी क्षेत्र के ही एक बड़े बैंकिंग प्रतिष्ठान बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) में मिलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसका उद्देश्य भारतीय बैंकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विलय को मंजूरी दी गई. फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, " इस विलय से इन बैंकों के कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और विलय के बाद कोई छटनी भी नहीं होगी."

प्रसाद ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी ऋणदाता बनाने के लिये विलय की यह योजना तैयार की गयी है. इससे पहले बुधवार को बैंक ऑफ बड़ौदा ने विजया बैंक और देना बैंक को खुद में मिलाने के लिये इन बैंकों के साथ अपने शेयरों की अदला-बदली की दरों को अंतिम रूप दिया.

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विलय की योजना के मुताबिक, विजया बैंक के शेयरधारकों को इस बैंक के प्रत्येक 1,000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे।वहीं देना बैंक के मामले में, उसके शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे।सरकार ने पिछले साल सितंबर में विजय बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विलय की घोषणा की थी.

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