CAA Protests: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ सबूत नहीं, कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर पाने को लेकर दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई

भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ( Photo Credit: ANI )

नई दिल्ली: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर पाने को लेकर दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा में शामिल होने के संदेह में पुलिस ने आजाद को पिछले महीने दरियागंज क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. आजाद के वकील महमूद पारचा के माध्यम से उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा, "मुझे कुछ भी ऐसा दिखाएं या कानून बताएं, जो इस प्रकार से इकट्ठा होने पर रोक लगाता हो.. हिंसा कहां है? कौन कहता है आप प्रदर्शन नहीं कर सकते.. क्या आपने संविधान पढ़ा भी है? प्रत्येक नागरिक का यह संवैधानिक अधिकार है कि सहमत न होने पर वह विरोध प्रदर्शन करे.

उन्होंने आगे कहा, "आप इस तरह बर्ताव कर रहे हैं, जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान है और यदि वह पाकिस्तान भी है, तो आप वहां जाकर प्रदर्शन कर सकते हैं.  पाकिस्तान अविभाजित भारत का ही हिस्सा था. "पुलिस पर निशाना साधते हुए न्यायाधीश ने कहा, "क्या आपको लगता है कि दिल्ली पुलिस इतनी पिछड़ी हुई है कि उसके पास ऐसे साधन नहीं हैं, जिससे वह कुछ रिकॉर्ड कर सके?" यह भी पढ़े: दिल्ली: भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में CAA के खिलाफ जामा मस्जिद पर भारी प्रदर्शन

अदालत का यह बयान तब सामने आया, जब पुलिस अधिकारियों ने न्यायालय को बताया कि उनके पास साक्ष्य के रूप में भीड़ के इकट्ठा होने की सिर्फ एक ड्रोन इमेज है और कुछ नहीं, कोई रिकॉर्डिग नहीं. अपनी याचिका में आजाद ने कहा कि प्राथमिकी में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि उन्होंने भीड़ को जामा मस्जिद से दिल्ली गेट तक मार्च करने के लिए उकसाया और वह हिंसा में शामिल रहे.

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि जमानत के लिए अदालत ने उनके सामने जो भी शर्त रखी, उन्होंने मान ली है.

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