चेन्नई. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) और एनआरसी को लेकर पुरे देश में घमासान जारी है. देश के कई हिस्सों से विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही है. इसी बीच मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने चेन्नई में विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा बुलाए गए बुधवार के नागरिकता कानून के विरोध मार्च पर रोक लगाने की तत्काल याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया है. जानकारी के लिए बताना चाहते है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बुधवार को एक प्रदर्शन होने जा रहा है. जिसे लेकर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया गया है. सीएए को लेकर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर एक जनहित याचिका कोर्ट में दायर की गई थी.
कोर्ट में अर्जी देकर कहा गया है कि मुस्लिम संगठनों सहित कुछ अन्य संगठनों द्वारा तमिलनाडु विधानसभा की घेराबंदी करने के लिए प्रस्तावित आंदोलन की अनुमति न दी जाए. याचिका में आगे कहा गया है ताकि नागरिकता कानून , एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ सदन में प्रस्ताव लाने की डिमांड की जा सके. यह भी पढ़े-CAA: नागरिकता कानून पर बोले असदुद्दीन ओवैसी ‘कागज नहीं दिखाऊंगा, गोली खाने के लिए सीना दूंगा’
ANI का ट्वीट-
Madras High Court refuses to hear urgent plea seeking a ban on tomorrow's anti-Citizenship Amendment Act protest march called by various Muslim organisations in Chennai. #TamilNadu
— ANI (@ANI) February 18, 2020
मद्रास हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि संगठनों ने ऐलान किया हुआ है कि वे सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हुए सूबे की सरकार पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को विधानसभा का घेराव भी करने वाले हैं.
गौर हो कि नागरिकता कानून के तहत पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक या उससे पहले धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी धर्मावलंबियों को नागरिकता देने का प्रावधान है.