लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में हुई हिंसा मामले में 10 हजार छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार 15 दिसंबर को कैंपस में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में यह केस दर्ज किया गया है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर को हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था. 15 दिसंबर को कैंपस में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में एएमयू कैंपस में भारी बवाल हुआ था. 15 दिसंबर को हुए प्रदर्शनों के दौरान सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ.
15 दिसंबर को अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हिंसा के दौरान 3 छात्र घायल हो गए थे. वहीं इस मामले में पुलिस ने 3 छात्रों को गिरफ्तार किया था. इसी दौरान प्रशासन ने एएमयू को 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया था. पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया और एएमयू के छात्रों ने 25 दिसंबर को कैंपस में कैंडल मार्च निकाला था.
AMU के 10 हजार अज्ञात छात्रों पर केस दर्ज
Case registered against 10,000 unidentified students of Aligarh Muslim University in connection with violence which broke out during protests against #CitizenshipAmendmentAct on December 15
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
एएमयू में हुई हिंसा को लेकर छात्रों ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया वहीं पुलिस ने सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा हिंसा छात्रों की तरफ से की गई. पुलिस ने हालात को देखते हुए कदम उठाए. मामले में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने पुलिस पर आरोप लगाया कि 15 तारीख को पुलिस ने छात्रों पर बर्बरता की थी जिसमें कई छात्र घायल हुए थे.
पूरे मामले में यूपी पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक विडियो शेयर कर बताया कि छात्र हिंसा पर उतर आए थे. एएमयू गेट को किसी सुरक्षा एजेंसी द्वारा नहीं तोड़ा गया था. पुलिस के काफी प्रयासों के बावजूद जब वो लोग नहीं माने, तो उनपर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अनुमति से हल्का बल प्रयोग करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और हल्का लाठी बल प्रयोग किया गया.