नई दिल्ली: आम बजट (Budget 2020) से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को पीएम मोदी (PM Modi) ने एनडीए (NDA) के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. इस दौरान पीएम मोदी ने अन्य नेताओं संग बजट सत्र को लेकर कई अहम मुद्दों पर विचार विमर्श किया. जबकि प्रधानमंत्री ने घटक दलों को एकजुटता के साथ संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्ष की बोलती बंद करने की बात कही.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि बजट सत्र के दौरान नागरिकता कानून को लेकर हम सभी को फ्रंट फुट पर रहना चाहिए. हमारे पास सीएए को लेकर बचाव मुद्रा में आने का कोई जरुरत नहीं है. जबकि एनडीए नेताओं को संसद में मजबूती से सीएए का समर्थन करना चाहिए और आक्रामक तरीके से विपक्ष के आरोपों का जवाब देना चाहिए. क्योकि इसमें कुछ गलत नहीं है. Budget 2020 से पहले ShareChat का अनुमान- लोग चाहते हैं इनकम टैक्स स्लैब में हो बदलाव, महंगाई पर काबू और नए रोजगार के मौके
एनडीए की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि इस मुद्दे प्रधानमंत्री ने कहा कि सीएए पर हम कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं. जो लोग विरोध कर रहे हैं उनको समझाने की जरूरत है. इस मुद्दे पर रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है, इस मुद्दे पर आक्रामक रहें. मोदी ने ये भी कहा कि मुस्लिम का देश पर उतना ही हक है जितना और दूसरे नागरिकों का.
Had an excellent meeting with the NDA family.
Our alliance represents India’s diversity and dynamism. NDA has made a mark for its pro-people and good governance related development programmes that are empowering millions. pic.twitter.com/ab3XuH4sEK
— Narendra Modi (@narendramodi) January 31, 2020
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इस दौरान एक समय ऐसा भी रहा जब उन्हें अपने अभिभाषण के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा. राष्ट्रपति संसद के संयुक्त सत्र में नागरिकता संशोधन कानून पर मोदी सरकार की पीठ थपथपा रहे थे. उसी समय कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया. वह नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
दरअसल बजट सत्र से पहले संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता कानून को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, "इस तरह से महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया गया है. भारत ने हमेशा सर्वपंथ विचारधारा में यकीन किया है, लेकिन भारत विभाजन के समय भारतवासियों और उनके विश्वास पर प्रहार किया गया. विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वो भारत आ सकते हैं."
राष्ट्रपति के इतना बोलते ही बीजेपी के सांसदों ने मेज थपथपाना शुरू कर दिया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेज थपथपाते नजर आए. काफी देर तक राजग के सहयोगी दलों ने मेज थपथपाकर राष्ट्रपति की बातों का समर्थन किया. लेकिन इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद लगातार हंगामा करते रहे. इन सबके बावजूद राष्ट्रपति ने अपना भाषण जारी रखा और पूरा किया.