नई दिल्ली: सरकारी दूरसंचार प्रदाता कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है. यही वजह है कि बीएसएनएल ने अब तक अपने लाखों कर्मचारियों को पिछले महीने की सैलरी भी नहीं दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 1.76 लाख बीएसएनएल कर्मचारियों को पिछले महीने का वेतन नहीं मिला है. बीएसएनएल में ऐसा 18 साल में पहली बार हुआ है जब आर्थिक तंगी के कारण कर्मचारियों के वेतन में इतनी देरी हो रही है.
जानकारी के मुताबिक कर्मचारी संघ ने इसको लेकर दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को एक पत्र भी लिखा है. पत्र में आग्रह किया गया है कि सरकार कंपनी को वेतन देने के साथ-साथ इसे दोबारा खड़ा करने के लिए उपाय और फंड जारी करे. उधर, सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने के कारण ब आय उत्पन्न होगी तो कर्मचारियों को सैलरी दी जाएगी. वहीं कई जगहों पर कर्मचारी धरना प्रदर्शन भी कर रहे है.
गौरतलब है कि बीएसएनएल का लगभग 55 प्रतिशत आय वेतन के भुगतान में जाता है, जबकि कंपनी का वेतन बिल प्रति वर्ष 8 प्रतिशत बढ़ता है. जो कि स्थिर है. बीएसएनएल का वार्षिक घाटा मार्च 2018 को समाप्त वित्तीय वर्ष में बढ़कर 7,992 करोड़ रुपये हो गया था. सरकार द्वारा साझा किए गए वित्तीय आंकड़ों के मुताबिक बीएसएनएल ने इससे पहले 2016-17 में 4,793 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था.
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वहीं बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी वित्तवर्ष 2018 के अंत तक घटकर 10 प्रतिशत रह गई जो वित्तवर्ष 2009 में 19 प्रतिशत थी. सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी की ब्राडबैंड हिस्सेदारी 2016 से लगातार 10 प्रतिशत पर बनी हुई है.