नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच भारत से चीन को एक और बड़ा झटका लगा है. दरअसल बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) और एमटीएमएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) ने 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहन देने के मकसद से अपना 4जी टेंडर रद्द कर दिया है. यानि की भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देने वाला अब नया टेंडर जारी किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरसंचार विभाग चाहता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल अपने 4जी नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए चीन के दूरसंचार उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करें. जिसके बाद बीएसएनएल और एमटीएनएल ने टेंडर को ही रद्द करने का निर्णय लिया. भारतीय बाजार में काम कर रही चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनियों में हुवावेई (Huawei) और जेडटीई (ZTE) सबसे आगे है. Ladakh Standoff: भारत और चीन के बीच मंगलवार को फिर हुई कमांडर लेवल की बातचीत, एलएसी पर तनाव कम करने के लिए किया मंथन
हालांकि, इस संबंध में अब तक कोई औपचारिक आदेश दिए जाने की जानकारी नहीं मिल सकी है. बताया जा रहा है कि हुवावेई ने पिछले पांच साल में भुगतान संबंधी मुद्दों की वजह से बीएसएनएल की टेंडर में बोली नहीं लगाई है. चीन की इस दिग्गज कंपनी के उपकरणों का इस्तेमाल निजी दूरसंचार कंपनियों के मौजूदा नेटवर्क में किया जाता है. India Bans 59 Chinese Apps: भारत के एक्शन से चीन परेशान, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कही बड़ी बात
रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने सभी प्राइवेट सर्विस आपरेटरों को भी चाइनीज उपकरणों से परहेज करने और चीन के सामानों पर निर्भरता तेजी से कम करने के लिए कहा है. हालांकि इसका सबसे जादा प्रभाव 5जी परीक्षण और भविष्य में बनने वाले विशाल 5जी नेटवर्क पर पड़ने की प्रबल संभावना है. (एजेंसी इनपुट के साथ)