केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के जिला लेह में धारा 114 लागू की गई है. लेह जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव ने इसे लेकर आदेश जारी किया है. लेह पुलिस ने बताया कि डीएम के आदेश का उल्लंघन करने पर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. लेह जिले में धारा 144 लागू कर दी है, जिससे किसी भी जुलूस, रैली या मार्च पर रोक लगा दी गई है. किसी भी गड़बड़ी को रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सीआरपीसी 1973 की धारा 144 लागू की गई है, “जिला मजिस्ट्रेट, लेह द्वारा जारी आदेश पढ़ा गया."
यह जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के 7 अप्रैल को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में महात्मा गांधी के दांडी मार्च की तर्ज पर नियोजित 'पश्मीना मार्च' से कुछ दिन पहले आया है. मार्च का उद्देश्य लद्दाख के चरागाह क्षेत्रों में कथित चीनी घुसपैठ को उजागर करना है, जिसका उपयोग पश्मिनी चरवाहों द्वारा किया जाता है और पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्र में जमीनी हकीकत को उजागर करना है.
Section 144 Crpc imposed by District Magistrate Leh.
Violation of DM order shall invite punitive action under law.@ADGP_Ladakh @shrutiarora_IPS pic.twitter.com/NboS4IBmly
— Leh Police (@LehPolice) April 5, 2024
क्या है धारा 144
धारा 144 का मुख्य मकसद कई लोगों का एक जगह पर इकठ्ठा होने से रोकना है. सरकार यह धारा तब लागू करती है जब लोगों के इकट्ठा होने से कोई खतरा हो सकता है. धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) 1973 की एक धारा है जो किसी क्षेत्र में शांति बनाए रखने और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट को विशेष अधिकार प्रदान करती है.