कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लॉकडाउन के चलते इस वर्ष मोहर्रम (Muharram) पर भी इसका असर पड़ता नजर आ रहा है. लेकिन इसी कड़ी में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मुंबई में मोहर्रम पर ताज़िया (Taziya) जुलूस की अनुमति दे दी है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ताजिया जुलूस 5 से अधिक लोग नहीं होने चाहिए. इस दौरान उन्हें कोरोना से बचने के सभी नियमों का पालन करना होगा. बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश एसजे कथावाला और माधव जामदार की पीठ ने कहा है कि जुलुस के लिए एक पूर्व निर्धारित रास्ता होगा. जहां से शाम के 4.30 से 5.30 बजे तक जुलुस को ट्रक के माध्यम से ले जाना होगा. इस दौरान किसी को भी पैदल चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अदालत ने कहा कि मोहर्रम जुलुस में शामिल होने वाले लोगों को अपना नाम और पता पुलिस के पास दर्ज करना होगा. इसी के साथ एक ट्रक में मात्र 5 लोग रहें. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. बता दें कि याचिकाकर्ता ऑल इंडिया इदारा-ए-तहाफुज-ए-हुसैनियत ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने इस महीने की शुरूआत में दो प्रस्ताव जारी किये थे और जुलूस निकालने पर रोक लगाते हुए सभी से इस साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मुहर्रम घर में ही मनाने को कहा था.
ANI का ट्वीट:-
Bombay High Court allows Taziya procession on Muharram in Mumbai with not more than 5 people. No other procession allowed anywhere in the state of Maharashtra. pic.twitter.com/Ii9htANux1
— ANI (@ANI) August 28, 2020
याचिकाकर्ता ने इस साल 27 से 30 अगस्त के बीच सांकेतिक जुलूस निकालने के लिए अनुमति मांगी थी. मोहर्रम सातवीं सदी में करबला की जंग में हजरत इमाम हुसैन के शहीद होने की याद में मनाया जाता है. मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला और पवित्र महीना है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, खाड़ी देशों में इस साल आशुरा (Ashura) 29 अगस्त 2020 को है, जबकि भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में आशुरा 30 अगस्त को मनाया जाएगा.