मध्य प्रदेश में दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह पर भाजपा की नजर

मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम चुके हैं. इसके चलते राज्य में कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है.

Credit -ANI

भोपाल, 3 जुलाई : मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम चुके हैं. इसके चलते राज्य में कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है. अब भाजपा की नजर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह पर है.

भाजपा नेताओं ने तो उन्हें अपने साथ आने का न्यौता तक दे डाला है. राज्य की राजनीति में पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के ऐसे नेता हैं, जो कांग्रेस और उसके नेताओं को समय-समय पर आईना दिखाते रहते हैं. ताजा मामला लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी से जुड़ा हुआ है. यह भी पढ़ें : अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 5,700 से अधिक श्रद्धालुओं का जत्था रवाना

राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक बताया, तो लक्ष्मण सिंह ने इस बयान का ही विरोध कर डाला. उन्होंने राहुल गांधी के बयान पर सवाल उठाए और कहा कि संसद में हिंदुओं पर की गई टिप्पणी अशोभनीय है और अनावश्यक भी. केवल और केवल जनता और देश से जुड़े मुद्दे उठाना ही उचित होगा.

पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह पहले भी भाजपा में रह चुके हैं और राजगढ़ से सांसद भी निर्वाचित हुए हैं. उनके भाजपा के नेताओं से अच्छे संबंध हैं. वे कई बार भाजपा की सराहना और कांग्रेस पर सवाल खड़े कर चुके हैं. ताजा बयान आने के बाद भाजपा के कई नेता सक्रिय हो गए हैं. सिरोंज से विधायक उमाकांत शर्मा के साथ खिलचीपुर विधायक हजारीलाल दांगी ने उन्हें भाजपा में आने का न्योता तक दे डाला है.

सूत्रों के अनुसार, भाजपा अब कांग्रेस के ऐसे नेताओं पर नजर रखे हुए है जो अपने क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं. उनके भाजपा में आने से कांग्रेस और कमजोर हो सकती है. लक्ष्मण सिंह ऐसे ही नेताओं में शामिल हैं. यह बात अलग है कि अब तक संगठन की ओर से इस मामले में किसी तरह की राय अथवा बयानबाजी नहीं की गई है.

ज्ञात हो कि बीते चार सालों में कांग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक 22 विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर कमलनाथ की सरकार गिर गई थी. उसके बाद बड़ी तादाद में कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल हुए. इसका असर वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव पर पड़ा. लोकसभा में तो कांग्रेस एक भी सीट जीत हासिल नहीं कर सकी.

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