सबरीमाला विवाद: अमित शाह ने कहा भक्तों के साथ खड़ी है BJP, फैसले के नाम पर सरकार की क्रूरता बर्दाश्त नहीं

इस बीच सबरीमला मंदिर को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का बयान आया है. अमित शाह का कहना है कि केरल में धार्मिक मान्यताओं और राज्य सरकार की क्रूरता के बीच एक संघर्ष चल रहा है. बीजेपी, आरएसएस और अन्य संगठनों के करीब 2,000 से अधिक कार्यकर्ताओं और श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया है.

अमित शाह (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदातल सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को जाने को लेकर फैसला सुना चुकी है. इसके बाद भी मंदिर में दर्शन करने को लेकर विवाद चल रहा है. इस बीच सबरीमला मंदिर को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का बयान आया है. अमित शाह का कहना है कि केरल में धार्मिक मान्यताओं और राज्य सरकार की क्रूरता के बीच एक संघर्ष चल रहा है. बीजेपी, आरएसएस और अन्य संगठनों के करीब 2,000 से अधिक कार्यकर्ताओं और श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया है.

ऐसे में वे वाम सरकार को चेतावनी देना चाहेंगे कि बीजेपी मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों के साथ-साथ चट्टान की तरह खड़ी है. इसलिए सरकार भक्तों के साथ क्रूरता से पेश ना आए. यह बयान उन्होंने केरल के दौरे के दौरान कुन्नूर में पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन के दौरान दिया है. यह भी पढ़े: सबरीमाला में प्रवेश की कोशिश करने वाली रेहाना फातिमा का हुआ ट्रांसफर

इस ख़ास अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहां कि कोर्ट में के फैसले के नाम पर जो लोग हिंसा को बढ़ावा देना चाहते हैं, मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि देश में ऐसे कई मंदिर हैं जो विभिन्न नियमों और मानदंडों पर चलते हैं. वहीं आगे उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भगवान अय्यप्पा के वास्तविक भक्तों को सबरीमाला मंदिर के अंदर से हटाने की कोशिश की जो अपने अधिकार के लिए लड़े. अमित शाह ने केरल सरकार पर आरोप लगते हुए कहा यह राज्य सरकार द्वारा धर्म के नाम पर लोगों को विभाजित करने की इसकी साजिश है.

भक्तों के साथ बीजेपी चट्टान की तरह खड़ी है

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सबरीमाला मंदिर विवाद पर भक्तों के दर्शन करने के बारे में कहां कि बीजेपी के कार्यकर्ता अय्यप्पा के भक्तों के साथ चट्टान की तरह तरह खड़ी है. उन्हें किसी भी तरह के डरने की जरूरत नहीं है. आज वे केरल में यहां मुख्यमंत्री और कम्युनिस्ट सरकार को चेतावनी देने के लिए यहां आए हूं. वे सरकार से कहना चाहेंगे कि सरकार कोर्ट के फैसले के नाम पर हिंसा पैदा ना करे. क्योंकि देखा जा रहा है कि अदालत के फैसले के बाद भी माताओं- बहनों के साथ अत्याचार किए जा रहे हैं. इस दौरान राज्य की सरकार से उन्होंने सवाल किया कि एक मौलिक अधिकार को आप दोबारा कैसे लिख सकते हैं? यह भी पढ़े: सबरीमाला विवाद: RSS प्रमुख भागवत का बयान- हाई कोर्ट ने परंपरा पर विचार नहीं किया

वहीं इस राज्य में जिस तरह से माहौल बना है उसको देखते हुए अमित शाह ने कहा कि राज्य में आपातकाल का माहौल बना दिया गया है. हिंदू धर्म में कभी भी स्त्रियों का अपमान नहीं किया गया, हमने हमेशा उन्हें देवी मानकर उनकी पूजा की है. लेकिन आज उन्हीं महिलाओं का अपमाना हो रहा है.

बता दें कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल के ऊपर और 50 साल तक की उम्र की महिलाओं को दर्शन करने को लेकर इज्जत नहीं थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सभी उम्र की महिलाओं को दर्शन करने को लेकर दायर एक याचिका पर पिछले दिनों सुनवाई करने के दौरान हुए कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को जाने की इजाजत दे दी है.

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