Ravi Kishan Receives Death Threat: 'नहीं रोकूंगा अपना प्रचार, फिर से जाऊंगा बिहार', धमकी के बाद बोले भाजपा सांसद रवि किशन

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा है कि विरोधी चुनाव में बुरी तरह हार रहे हैं और इस हताशा में मुझे और मेरी मां को अपशब्द बोले गए. रवि किशन ने धमकी देने वालों को चुनौती देते हुए कहा है कि वे अपना प्रचार नहीं रोकेंगे और दोबारा बिहार जाएंगे.

गोरखपुर, 1 नवंबर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) ने कहा है कि विरोधी चुनाव में बुरी तरह हार रहे हैं और इस हताशा में मुझे और मेरी मां को अपशब्द बोले गए. रवि किशन ने धमकी देने वालों को चुनौती देते हुए कहा है कि वे अपना प्रचार नहीं रोकेंगे और दोबारा बिहार जाएंगे.

भाजपा सांसद रवि किशन को बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान जान से मारने की धमकी दी गई. इस पर शनिवार को आईएएनएस से बातचीत में रवि किशन ने कहा, "विरोधी चुनाव में बुरी तरह हार रहे हैं. इस कारण मुझे और मेरी मां को अपशब्द कहे गए हैं. लेकिन जो धमकी दे रहे हैं, उनको बता दूं कि मैं फिर से बिहार आ रहा हूं." यह भी पढ़ें : PM Modi Visits Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने की बच्चों के साथ ‘दिल की बात’, दिखा अलग स्नेह

उन्होंने आगे कहा, "जेकर नाथ भोलेनाथ उ अनाथ कैसे होई, जब भोला चाह लिहे दिन त रात कैसे होई." इससे पहले, सांसद रवि किशन ने बताया कि उन्हें फोन पर अपशब्द बोले गए और जान से मारने की धमकी दी गई. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मुझे हाल ही में फोन पर अपशब्द कहे गए, मेरी माता जी को लेकर भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया. यहां तक कि मुझे जान से मारने की धमकियां दी गईं और प्रभु श्रीराम के प्रति अपमानजनक शब्द कहे गए. यह न केवल मेरे व्यक्तिगत सम्मान पर, बल्कि हमारी आस्था और भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों पर भी सीधा प्रहार है."

भाजपा सांसद ने पोस्ट में लिखा, "ऐसे कृत्य समाज में नफरत और अराजकता फैलाने की कोशिश हैं, जिनका जवाब लोकतांत्रिक और वैचारिक मजबूती से दिया जाएगा. मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि न मैं इन धमकियों से डरता हूं, न झुकूंगा." रवि किशन ने आगे लिखा, "जनसेवा, राष्ट्रवाद और धर्म के पथ पर चलना मेरे लिए कोई राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि जीवन का संकल्प है. मैं इस मार्ग पर हर परिस्थिति में अडिग रहूंगा, चाहे इसके लिए मुझे किसी भी कीमत का सामना क्यों न करना पड़े. यह मार्ग कठिन है, पर मुझे इसी में अपना जीवन सार्थक दिखाई देता है. मेरे लिए यह संघर्ष आत्मसम्मान, आस्था और कर्तव्य की रक्षा का प्रतीक है और मैं अंत तक दृढ़ रहूंगा, निष्ठावान रहूंगा."

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