बीजेपी के लिए साल 2018: त्रिपुरा में ढहाया लेफ्ट का किला तो इन राज्यों में गई सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने चुनावों मे खूब मेहनत की लेकिन कई राज्यों में सत्ता उनके हाथों से चली गई

प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह (Photo: PTI)

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए चुनावों के लिहाज साल 2018 कुछ खास नहीं रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व में पार्टी ने चुनावों मे खूब मेहनत की लेकिन कई राज्यों में सत्ता उनके हाथों से चली गई. लेकिन इनमें से कुछ राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन उतना भी बुरा नहीं था. इन सब के बीच बीजेपी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना तो पूरा नहीं हुआ लेकिन पार्टी ने नॉर्थ ईस्ट को लेफ्ट पार्टियों से मुक्त करा दिया. इस रिपोर्ट मेंं साल 2018 में हुए चुनावों और उपचुनावों में बीजेपी की क्या स्थिति रही के बारे में बताया जा रहा है-

जनवरी: राजस्थान और बंगाल उपचुनावों में मिली हार 

जनवरी में  राजस्थान के अलवर और अजमेर तो वहीं, बंगाल के उलूबेरिया लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. इन तीनों सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. राजस्थान की दोनों सीटों पर कांग्रेस तो उलूबेरिया सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा जमाया.

फरवरी: त्रिपुरा में ढहाया लेफ्ट का किला

फरवरी महीने में त्रिपुरा में विधासनभा चुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी ने बहुतम के साथ 25 सालों से चली आ रहे लेफ्ट किले को ढहा दिया था. त्रिपुरा के अलावा मेघालय और नगालैंड में भी चुनाव हुए थे जहां बीजेपी ने वहां की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई. यह भी पढ़ें- साल 2018 के ऐसे 5 विवादित बयान, जिसने देश की राजनीति में मचाई हलचल

मार्च: गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में भी हुई हार

उत्तर प्रदेश की दो सबसे वीआईपी लोकसभा सीटों गोरखपुर और फूलपुर पर हुए चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. योगी आदित्यनाथ के सीएम और केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने से ये दोनों सीटें खाली हुई थी. इन दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई. वहीं, बिहार के अररिया लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी का उम्मीदवार हार गया था.

मई: कर्नाटक में नहीं बना पाए सरकार

कर्नाटक में मई महीने में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन देकर एच. डी. कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनवाया. मई महीने में ही उत्तर प्रदेश के कैराना और महाराष्ट्र के पालघर व भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. इन तीन सीटों पर हुए उपचुनावों में बीजेपी को सिर्फ पालघर सीट पर जीत हासिल हुई थी. कैराना में आरएलडी और भंडारा-गोंदिया में एनसीपी के उम्मीदवार ने चुनाव जीता था.

जून: जम्मू और कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से वापस लिया समर्थन

जून महीने में जम्मू और कश्मीर में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार में शामिल बीजेपी ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था. सीजफायर सहित कई मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों में काफी दिनों से टकराव चल रहा था.

नवंबर: कर्नाटक उपचुनावों में भी हुई हार 

नवंबर महीने में कर्नाटक के तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. ये तीन सीटें थीं- शिमोगा, बेल्लारी और मांड्या. इनमें बेल्लारी और मांड्या सीट पर बीजेपी को हार झेलनी पड़ी तो वहीं, शिमोगा सीट बचाने में बीजेपी कामयाब रही.

दिसंबर: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता से बाहर हुई बीजेपी

दिसंबर में पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम ) के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार थी. बीजेपी को इन तीनों राज्यों में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी. वहीं, तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) तो मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने चुनाव जीता. इन चुनावों को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा था जिसमें बीजेपी तीन राज्यों में अपनी सरकार बचाने में असफल रही.

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