Parakram Diwas: हर साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, मोदी सरकार ने की घोषणा
केंद्र सरकार ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है. संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि हर साल 23 जनवरी को नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर सेलिब्रेट किया जायेगा.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) के जन्मदिन (Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2021) को पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) के रूप में मनाने का फैसला लिया है. संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने कहा कि हर साल 23 जनवरी को नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर सेलिब्रेट किया जायेगा. Jagram Yadav Passes Away: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गनर जगराम यादव का गुरुग्राम में 97 वर्ष की उम्र में निधन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को भव्य रूप से मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी में पीएम मोदी सहित 85 सदस्य शामिल थे. कमेटी ने दिल्ली, कोलकाता और नेताजी एवं आजाद हिंद फौज से जुड़े अन्य स्थानों, भारत के साथ-साथ विदेशों में भी संचालित होने वाली स्मरणोत्सव गतिविधियों का मार्गदर्शन करने के बाद यह फैसला लिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक कमेटी के सदस्यों में प्रतिष्ठित नागरिक, इतिहासकार, लेखक, विशेषज्ञ, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पारिवारिक सदस्य और साथ ही आजाद हिंद फौज (आईएनए) से जुड़े प्रतिष्ठित गणमान्य शामिल हैं. इस कमेटी में मोदी सरकार के कई बड़े मंत्रियों को भी रखा गया है. जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, प्रहलाद सिंह पटेल, बाबुल सुप्रियो, देबाश्री चौधरी प्रमुख रूप से शामिल हैं. जबकि पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह को भी समिति के सदस्यों के तौर पर नामित किया गया. इसके अलावा कई राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को भी कमेटी में शामिल किया गया.
उल्लेखनीय है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के कुछ सदस्य और कई कार्यकर्ता स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि के तौर पर 18 अगस्त को चिह्न्ति किए जाने से बीजेपी से नाराज हैं. नेताजी के परपोते और एक्टिविस्ट इंद्रनील मित्रा ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि इस तारीख पर नेताजी की पुण्यतिथि मनाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जस्टिस मुखर्जी कमीशन ने भी कहा है कि नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी. कई लोगों का मानना है कि नेताजी दुर्घटना में बच गए थे और उन्होंने छिपकर अपना बुढ़ापा बिताया. आज भी उनकी मृत्यु एक अनसुलझी रहस्य बनी हुई है. (एजेंसी इनपुट के साथ)