Bird Flu Updates: मुंबई में भी पांव पसार रहा बर्ड फ्लू; पुणे में 5557 और बलौदा में 10500 पक्षियों को मारा गया
बर्ड फ्लू (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: देश में बर्ड फ्लू का बढ़ता दायरा चिंता का विषय बनता जा रहा है. संक्रमित इलाकों को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है और वहां पक्षियों को मारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. महाराष्ट्र के पुणे (Pune) जिले में कल 5,557 पक्षियों को मार दिया गया. पुणे के खंड विकास अधिकारी ने कहा कि 15 जनवरी को बर्ड फ्लू की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कलेक्टर ने साइट के एक किमी के दायरे में पक्षियों को मारने का आदेश दिया. साथ ही यहां 21 दिनों के लिए मुर्गों की बिक्री और आयात पर बैन लगा दिया गया.

वहीं, मराठवाड़ा क्षेत्र में परभणी और बीड जिलों के दो गांवों में मृत मुर्गियों के नमूनों की जांच में बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि के बाद शनिवार को 2,000 से अधिक पक्षियों को मारा गया. महाराष्ट्र के लातूर, परभणी, नांदेड़, पुणे, सोलापुर, यवतमाल, अहमदनगर, बीड और रायगढ़ जिलों के पोल्ट्री फार्म में एविएन इन्फ्लुएंजा के मामलों की पुष्टि पहले ही हो चुकी है.

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदा (Baloda) में भी शनिवार को बर्ड फ्लू के डर से 10,500 पक्षियों को मारकर दफनाया गया. हालांकि प्रशासन को और से पोल्ट्री फार्म के मालिकों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले (कौवा); गुजरात के सूरत, नवसारी और नर्मदा जिले (कौवा); उत्तराखंड का देहरादून जिला (कौवा); उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला (कौवा) में एविएन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है. इसके अतिरिक्त, दिल्ली के नजफगढ़ में कबूतर और भूरे रंग के उल्लू और रोहिणी में बगुले में एविएन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई है.

केंद्रीय पोल्ट्री विकास संगठन मुंबई, भारत सरकार से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पोल्ट्री फॉर्म में मुर्गियों की असामान्य मृत्यु की सूचना आई हैं. जिसके बाद नमूनों को परीक्षण के लिए नामित प्रयोगशाला में भेजा गया. यहां भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.

छत्तीसगढ़ राज्य में रैपिड रिस्पांस टीमों को तैनात किया गया है और प्रभाव वाले क्षेत्र बालोद जिले में मुर्गी पालन का काम चल रहा है. इसके अलावा, मध्य प्रदेश में भी रैपिड रिस्पांस टीमों को तैनात किया गया है. मध्य प्रदेश के सर्वाधिक प्रभाव वाले जिले हरदा में मुर्गी पालन का काम चल रहा है.

देश के प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति की निगरानी के लिए गठित केंद्रीय दल प्रभावित स्थलों का दौरा कर रहे हैं और महामारी विज्ञान का अध्ययन कर रहे हैं. राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और संक्रमण मुक्त क्षेत्रों/राज्यों से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री की अनुमति दें. दोहराया गया है की अच्छी तरह से पकाए गए चिकन और अंडे मनुष्यों के लिए सुरक्षित है.

केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि उपभोक्ताओं को आधारहीन अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो अवैज्ञानिक हों और अक्सर भ्रम पैदा करती हों. ये अफवाहें पोल्ट्री और अंडा बाजारों और इसी तरह पोल्ट्री और मक्का किसानों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, जो पहले से ही कोविड-19 महामारी व लॉकडाउन से प्रभावित हैं.