बिजनौर महात्मा विदुर की भूमि, यहां से बनती है भारत की पहचान : सीएम योगी

बिजनौर, 29 मार्च : बिजनौर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शहर के प्रबुद्धजनों की भूमिका प्राचीन ऋषि-मुनियों जैसी है, जो अलग-अलग क्षेत्र में समाज का नेतृत्व करते हैं. प्रबुद्धजन समाज के ओपीनियन लीडर हैं, समाज का मार्गदर्शन और नेतृत्व करते हैं. कोई चिकित्सक है, तो कोई व्यापारी, अधिवक्ता और शिक्षक, तो कोई पर्यावरण के लिए कार्य कर रहा है. जीवन के अलग-अलग क्षेत्र में नेतृत्व करने वाले इस प्रबुद्धवर्ग की बातों पर जनता विश्वास करती है. यही वर्ग समाज को मोटिवेट करता है.

मुख्यमंत्री ने कहा, “लोग प्रबुद्धजनों का अनुसरण करते हैं, इसीलिए हम आपका आशीर्वाद लेने आए हैं. आपकी भूमिका वैसी ही है, जैसे प्राचीन काल में ऋषि मुनियों की हुआ करती थी. बिजनौर महात्मा विदुर की भूमि, यहां से भारत की पहचान बनती है." सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां जेवीएस रिजॉर्ट में प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बिजनौर सीट से बीजेपी-रालोद के संयुक्त प्रत्याशी चंदन चौहान और नगीना सीट से भाजपा प्रत्याशी ओम कुमार के लिए मतदान की अपील की. यह भी पढ़ें : मंडी में रोड शो के दौरान सुप्रिया श्रीनेत के ‘विवादित पोस्ट’ पर बरसीं कंगना रनौत

उन्होंने कहा, “यह महात्मा विदुर की भूमि है, तो यही चाहता हूं कि आप प्रबुद्धजनों का आशीर्वाद हमारे दोनों प्रत्याशियों को मिले. मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों ने मुझसे कहा था कि जो सीएम बिजनौर जाता है, उसकी छुट्टी तय है, इसलिए मैं हर जनपद की तरह यहां भी आया. लोग कहते थे कि यहां रात्रि को नहीं रुकना चाहिए, मगर मैं यहां रुका और तब यहां के प्रबुद्धजनों के साथ संवाद भी स्थापित किया. उस वक्त मुझे पता लगा कि बिजनौर जनपद में बहुत पोटेंशियल है. बिजनौर केवल बिजनौर नहीं है, बल्कि भारत की पहचान इस जनपद से है. यह महात्मा विदुर की भूमि है, जो उन ऋषि मुनियों की परंपरा से आते हैं, जिन्होंने महाभारत के काल खंड में भी सच बोलने का साहस दिखाया.”

उन्होंने कहा, “यहां के हमारे जनप्रतिनिधियों ने यहां के लिए मेडिकल कॉलेज की मांग की, जिसे तुरंत स्वीकार करते हुए यहां महात्मा विदुर के नाम पर मेडिकल कॉलेज का मार्ग प्रशस्त किया गया.” मुख्यमंत्री ने कहा, ‘’प्रबुद्धजनों में एक कमी होती हैं. हम बड़ी-बड़ी चर्चाएं तो कर लेते हैं, मगर ऐन वक्त में सुस्त पड़ जाते हैं. हमें इस बार सबसे पहले स्वयं मतदान करना है और फिर अन्य लोगों को भी मतदान के लिए प्रेरित करना है. हमें अपने एक-एक वोट की कीमत को पहचानना होगा.”