पटना, 3 जनवरी : बिहार (Bihar) में नए साल की शुरूआत में ही राजद और जदयू के नेता आमने-सामने आ गए हैं. सोमवार को जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने राजद के नेता तेजस्वी यादव को विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करने की नसीहत दी तो मंगलवार को उसका जवाब पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने पुरानी बातें याद करा कर दे दी. सिंह ने कुशवाहा को लिखे पत्र में बड़े संजीदा तरीके से उनके प्रश्नों के जवाब देते हुए कटाक्ष किया है. सिंह ने उन्हे नए वर्ष की शुभकामना देते हुए लिखा कि लालू प्रसाद यादव की सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने वाले आप जैसे योद्धा का मैं पुराना प्रशंसक हूं. विशेष रुप से इस वजह से भी कि कई वर्षों पहले आपने नीतीश कुमार के बारे में जो भी भविष्यवाणियां की थीं वह आज सच साबित हो रहीं है.
मुझे ठीक ठीक याद है कि आपने 9 दिसम्बर 2011 को नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए जदयू से इस्तीफा दे दिया था. उस समय मुझे भी आपके इस वक्तव्य पर आश्चर्य हुआ था मगर आज आपकी दूरदर्शिता पर गर्व महसूस होता है. सिंह ने आगे लिखा कि 2018-2019 में आपने नीतीश कुमार के कार्यकाल को बिहार का सबसे खराब दौर कहा था जिस दौरान बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है. उस दौरान आपकी नजर में नीतीश कुमार सरकार चलाने के लायक नहीं थे. इन सटीक विश्लेषणों के लिए मेरा साधुवाद स्वीकार कीजिए. यह भी पढ़ें : TMC MP और बंगाली एक्ट्रेस Nusrat Jahan ने स्पोर्ट्स ब्रा पहनकर पोस्ट की Sexy Photos, फैंस बोले- बोल्ड और ब्यूटीफुल
चार वर्ष पहले आपके द्वारा आयोजित की गई नीतीश हटाओ भविष्य बचाओ पदयात्रा आज भी हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणाश्रोत है और हमें पूरी उम्मीद है कि नीतीश कुमार को हटाने के लिए जो नींव आपने चार वर्ष पहले रखी थी वह जल्द पूरी होगी. अपने पत्र में राजद के विधायक ने 15 मार्च 2009 की घटना का भी जिक्र किया है जिसमे कुशवाहा का तत्कालीन सरकारी आवास खाली कराया गया था. उन्होंने कुशवाहा को याद दिलाया कि कृषि मंडी कानून आपकी पार्टी रालोसपा के घोषणा पत्र का प्रमुख हिस्सा था जिसकी लड़ाई आज भी मैं लड़ रहा हूं. यहां तक कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार के बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर आपने आमरण अनशन भी किया था.
पत्र के अंत में उन्होंने कहा कि रही बात नीतीश कुमार को 'शिखंडी' कहे जाने कि तो यह संज्ञा राजद के द्वारा आधिकारिक तौर पर कई वर्षों पहले ही नीतीश कुमार को दी जा चुकी है, उसे सहर्ष स्वीकारने के बाद ही नीतीश कुमार राजद से अपनी सरकार बचाने के लिए सहयोग की गुजारिश करने आए थे. उल्लेखनीय है कि सोमवार को कुशवाहा ने तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर सिंह के मुख्यमंत्री को शिखंडी कहे जाने पर कारवाई करने की नसीहत दी थी.