पटना, 28 मार्च: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है. भाजपा की नजर अब यादव को छोड़कर कुशवाहा मतदाताओं में सेंध लगाने की है. बिहार में यादव राजद का वोटबैंक माना जाता है, जबकि जदयू कुशवाहा वोटरों को नीतीश कुमार के करीब होने का दावा करती है. कहा जाता है कि जब बिहार में भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव थे तब भाजपा ने यादव मतदाताओं के साधने के लिए नित्यानंद राय को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई थी. यह भी पढ़ें: Samrat Choudhary Meets PM Modi: दिल्ली में प्रधानमंत्री से मिले बिहार भाजपा के नए अध्यक्ष
अब जब बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े है तो रणनीति में बदलाव कर कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट चौधरी को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कुशवाहा समाज को साधने के साफ संकेत दे दिए हैं. भाजपा के सूत्र बताते हैं कि भाजपा यादव के वोटबैंक में सेंध लगाने में आशातीत सफलता नहीं देखकर रणनीति में बदलाव कर कुशवाहा को साधने की कोशिश की है. माना जाता है कि भाजपा के बड़े नेता इसी रणनीति के तहत यह घोषणा कर चुके हैं कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हर समय के लिए बंद हो गए हैं.
भाजपा के एक नेता कहते भी हैं कि नीतीश कुमार को लेकर मतदाता का एक वर्ग में यह भ्रम फैला था कि नीतीश कुमार फिर से भाजपा के साथ आ सकते हैं. भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा भी कहते हैं कि नीतीश कुमार को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद अब किसी के लिए कुछ कहना बेकार है. उन्होंने कहा नीतीश के लिए भाजपा के दरवाजे ही नही खिड़की भी बंद कर दिए गए हैं.
वैसे, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा कहते हैं कि भाजपा गलतफहमी की शिकार है. उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में सरकार से बाहर हो गई है अब केंद्र से भी बाहर होने वाली है. भाजपा की पोल अब खुल चुकी है. अब कोई मतदाता भाजपा के साथ नहीं जाना चाहती.