पटना, 19 अक्टूबर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बताया कि मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है. पहले दूसरे राज्य की मछलियां बिहार में मंगाई जाती थी और अब बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में विकास कार्यों की क्या स्थिति थी सभी को पता है. वर्ष 2005 से पहले मछली उत्पादन बहुत कम था. दूसरे राज्यों से यहां मछलियां मंगाई जाती थी. कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन सहित सभी क्षेत्रों का विकास किया गया. लोगों की सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए गए. साथ ही महिलाओं की तरक्की के लिए कई कार्य किए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2012 के लिए प्रथम कृषि रोड मैप बनाया गया. वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के लिए दूसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के लिए तीसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तथा वर्ष 2024 से चौथा कृषि रोड मैप लागू किया गया है जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया. कृषि रोड मैप के लागू होने से सब्जी, दूध, अंडा, मीट, फल सहित अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ा है. चौथे कृषि रोड मैप के लिए एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई. यह भी पढ़ें : न्यायालय की जनता की अदालत की भूमिका संरक्षित रखी जानी चाहिए: सीजेआई
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में मछली का उत्पादन 2 लाख 88 हजार मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 8 लाख 73 हजार मीट्रिक टन हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार द्वारा बिहार के विकास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं. केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मत्स्य पालन के विकास के लिए सहायता दी गई है. राज्य सरकार मत्स्य पालन के विकास के लिए भी कई कदम उठा रही है. राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में विकास के लिए उठाए गए कदमों से मत्स्य पालकों को काफी लाभ हो रहा है."
उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि हम शुरू से ही एनडीए में थे और अब एनडीए में ही रहेंगे. बीच में हम दो बार उन लोगों के साथ चले गए थे, ये हमारी गलती थी अब कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे. उन्होंने भरोसा दिया कि भाजपा के साथ हमारी पार्टी का शुरू से ही संबंध रहा है. हमलोग मिलकर राज्य और देश का विकास करते रहेंगे. कार्यक्रम को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी संबोधित किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 15 मत्स्य पालकों को 0.50 लाख मत्स्य बीज वितरित किया गया.