पटना:- बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (BCDA) और स्वास्थ्य विभाग के बीच चर्चा फेल होने के बाद पूरे बिहार (Bihar) में दवा दुकानें 22 से 24 जनवरी तक बंद करने का ऐलान कर दिया है. जिसके के बाद सभी दुकानों पर ताला लग गया. एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि विभागीय निरीक्षण के दौरान कनीकी गलतियों के नाम पर दवा दुकानदारों को प्रताड़ित किया जा रहा है. इसके साथ ही दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की उपस्थिति को अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन इस हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान जनता को दिक्कतों का सामना न करना पड़े उसके लिए राज्य सरकार ने पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया है. सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में मेडिकल सेवा शुरू रहेगी.
बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने आंदोलन के दौरान अस्पतालों के अंदर और प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत चलनी वाली दवा दुकानों को खुले रखने का निर्णय लिया है. इस बीच खबर यह भी आ रही है कि अगर दुकानदारों पर दबाव बनाने या कोई विपरीत निणर्य लिया तो आने वाले समय में यह हड़ताल और भी लंबा खींच सकता है. जिसका असर आम जनता पर पड़ेगा.
Patna: Bihar Chemist and Druggist Association has called for a 3-day statewide strike starting today, against alleged harassment and exploitation by drug inspectors in the name of inspection. pic.twitter.com/Po75MJoCJH
— ANI (@ANI) January 22, 2020
बता दें कि इससे पहले बिहार में सबसे लंबा हड़ताल साल 2000 में देखने को मिला था. जब टीओटी के मुद्दे पर दुकानदारों ने 7 दिनों तक दवा दुकानों में हड़ताल जारी रखा था. फिलहाल उम्मीद जताई जा रही है कि इस मसले का का हल जल्दी निकल जाए अन्यथा हड़ताल का असर बिहार की जनता पर पड़ेगा.