बिहार में प्रवासी श्रमिकों को लेकर एडीजी अमित कुमार के लिखे एक पत्र से राज्य में सियासी गहमागहमी तेज हो गई है. एडीजी ने इस पत्र में उन्होंने सभी जिलों के एसपी को इस बात के सतर्क रहने के लिए कहा है. दरअसल कोरोना वायरस के कारण बड़ी संख्या में श्रमिक अपने राज्य बिहार लौट रहे हैं. जिसके मद्देनजर पत्र लिखकर आशंका जताई है कि प्रवासी मजदूरों के वापस आने से बिहार में अपराध बढ़ सकते हैं. उनके इस पत्र के बाद पत्र के कारण राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. लेटर 29 मई के दिन लिखा गया था. वहीं विवाद बढ़ता देख एडीजी अमित कुमार ने इस पत्र को 4 जून को वापस ले लिया है. जिसे लेकर कहा गया कि यह भूलवश जारी हो गया. लेकिन इसे मुद्दा बनाकर अब विपक्ष ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला करना शुरू कर दिया है.
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रवासी मजदूरों को कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताने वाली बिहार सरकार के पत्र पर एक प्रेस कांफ्रेस में फाड़ डाला. उन्होंने कहा कि श्रम की महता और श्रमिकों की गरिमा को तार-तार करती नीतीश कुमार निर्देशित इस चिट्ठी का एक-एक अक्षर पढ़िए. बिहारवासी श्रमिको को गुंडा,लुटेरा और अपराधी जैसे विशेषणों से अलंकृत किया गया है. यह चिट्ठी सरकार की ग़रीब विरोधी घृणित मानसिकता का द्योतक है. मुझे क्या! किसी को भी ग़ुस्सा आएगा.
ANI का ट्वीट:-
The letter has been recalled and its content stands null and void now: Amit Kumar, Bihar Police ADG on his May 29 letter to district and police authorities stating that large influx of migrant returnees may create a law & order issue in the state pic.twitter.com/EpB2q6gmb7
— ANI (@ANI) June 5, 2020
विपक्ष नेता तेजस्वी यादव का ट्वीट:-
श्रम की महता और श्रमिकों की गरिमा को तार-तार करती नीतीश कुमार निर्देशित इस चिट्ठी का एक-एक अक्षर पढ़िए।बिहारवासी श्रमिको को गुंडा,लुटेरा और अपराधी जैसे विशेषणों से अलंकृत किया गया है।यह चिट्ठी सरकार की ग़रीब विरोधी घृणित मानसिकता का द्योतक है।मुझे क्या!किसी को भी ग़ुस्सा आएगा pic.twitter.com/yJxhJkMxpe
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 5, 2020