बीते कुछ हफ्तों में शेयर बाजार में लगातार गिरावट से निवेशकों की नींद उड़ी हुई है. वर्षों की मेहनत और इंतजार के बाद हरे हुए पोर्टफोलियो अब लाल रंग में बदल चुके हैं. रिटेल निवेशक, जो सालभर की मेहनत से मुनाफा कमा रहे थे, अब नुकसान का हिसाब जोड़ने में लगे हैं. कोविड के बाद पहली बार इस तरह की गिरावट देखी जा रही है, जिससे रिटेल निवेशकों के बीच हाहाकार मच गया है.
बाजार में क्यों छाया संकट?
इस गिरावट का सबसे बड़ा असर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर पड़ा है, जो पिछले एक महीने में 50% तक गिर चुके हैं. सेंसेक्स अपने ऑल-टाइम हाई से 6500 अंक नीचे और निफ्टी 2100 अंक तक लुढ़क गया है. निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में 8% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि डिफेंस, ऑटो और कैपिटल गुड्स सेक्टर्स ने भी बड़ी गिरावट देखी है.
40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान: चौंकाने वाले आंकड़े
27 सितंबर 2024 को बीएसई का मार्केट कैप 477 लाख करोड़ रुपये था, जो 25 अक्टूबर तक गिरकर 437 लाख करोड़ रुपये रह गया. इसका मतलब है कि निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये महीनेभर में ही डूब गए हैं. तुलना करें तो यह राशि वित्त वर्ष 2023-24 में देश के पूरे जीएसटी कलेक्शन से दोगुनी है.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली बना बड़ा कारण
बाजार की इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण मुनाफावसूली और विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली है. अक्टूबर में ही विदेशी निवेशकों ने 1.08 लाख करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाले हैं. उनका रुझान अब चीन जैसे बाजारों की ओर है, जो भारत की तुलना में सस्ते वैल्यूएशन पर उपलब्ध हैं.
अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय बाजार में नई निवेश रणनीति बनानी जरूरी है. बाजार में मुनाफावसूली का दौर जारी है, और अगले कुछ हफ्तों तक यह स्थिति बनी रह सकती है. इसलिए, निवेशकों को जल्दबाजी में फैसला लेने से बचना चाहिए और सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए.
दिवाली से पहले क्या है उम्मीद?
निवेशकों की उम्मीद अब इस बात पर टिकी है कि दिवाली के आसपास बाजार में रौनक लौट सकती है. हालांकि, सावधानीपूर्वक निवेश और सही समय का इंतजार करना ही इस वक्त सबसे बेहतर उपाय है.
शेयर बाजार की मौजूदा गिरावट ने निवेशकों के सामने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. बड़े निवेशकों से लेकर रिटेल निवेशकों तक सभी प्रभावित हैं, लेकिन इस समय धैर्य और समझदारी से काम लेना जरूरी है. आने वाले समय में बाजार में स्थिरता लौटने की उम्मीद की जा रही है, जिससे निवेशकों के नुकसान की भरपाई हो सके.