सावधान! 10 करोड़ मोबाइल यूजर्स हो सकते हैं SMS स्कैम का शिकार, Google ने Play Store से फटाफट बैन किए 150 Apps

Google, Google Play Store: गूगल ने अपने प्ले स्टोर (Google Play Store) से करीब 150 खतरनाक एप्लिकेशंस (fake mobile app) को प्रतिबंधित कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन एप्लिकेशंस को एक करोड़ से अभी अधिक लोगों ने डाउनलोड किया था.

गूगल प्ले स्टोर (Photo Credits: File Photo)

Google, Google Play Store: गूगल ने अपने प्ले स्टोर (Google Play Store) से करीब 150 खतरनाक एप्लिकेशंस (fake mobile app) को प्रतिबंधित कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन एप्लिकेशंस को एक करोड़ से अभी अधिक लोगों ने डाउनलोड किया था. डाउनलोड करने के बाद उन लोगों का डेटा असुरक्षित माना जा रहा है. इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि इन एप्लिकेशंस के जरिए लोगों को पैसा कमाने का लालच दिया जा रहा था और उनके साथ धोखाधड़ी हो रही थी. जिसके बाद गूगल ने बड़ा एक्शन लेते हुए अपने प्ले स्टोर से इन सभी एप्लिकेशंस को प्रतिबंधित कर दिया है.

गूगल ने 150 एप्लिकेशंस किए प्रतिबंधित

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Google ने Google Play Store नामक अपने ऐप स्टोर से 150 और खतरनाक ऐप्स पर बैन लगा दिया है. प्ले स्टोर पर करीब 150 मैलेशियस SMS स्कैम ऐप UltimaSMS नामक एक कैंपेन का हिस्सा थे, जिसमें मैलेशियस प्रोग्राम विक्टिम्स को महंगी प्रीमियम SMS सर्विस के लिए साइन अप करने के लिए कहा जाता है और इसके बदले यूजर्स को पैसे कमाने का लालच दिया जाता है. लेकिन नुकसान उल्टा यूजर्स को झेलना होता है. कई यूजर्स फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं.

जानकार क्या कहते हैं

वहीं इस मामले में सिक्योरिटी सर्विस प्रोवाइडर Avast से मिली जानकारी के मुताबिक, इन ऐप्स को Google Play Store से 10.5 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया गया. इसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि करीब 10 मिलियन यूजर्स का इसका शिकार हो सकते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि इनकी “स्ट्रक्चर और फंक्शनैलिटी में लगभग एक जैसी हैं.”

कैसे लिया जाता है यूजर्स के डेटा

कैसे की गई ठगी

जालसाजों ने ‘अल्टिमा एसएमएस’ (UltimaSMS) नाम के प्रीमियम एसएमएस स्कैम में अब तक कई लोगों को चुना लगाया जा चुका है. इस ऑनलाइन फ्रॉड की शुरुआत मई 2021 में हुई थी. ठगों ने कीबोर्ड, क्यूआर कोड स्कैनर, वीडियो और इमेज एडिटर, स्पैम कॉल ब्लॉकर्स, कैमरा फिल्टर और कुछ गेम ऐप इंस्टॉल कराके लोगों को फंसाया था. इन फर्जी एप्लिकेशंस के जरिए फीचर्स यूज करने के बहाने यूजर्स से पहले उनके फोन नंबर और ईमेल की जानकारी ली गई और उसके बाद धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया.

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