बेंगलुरु: अगर आपके पास नहीं है आधार कार्ड तो मरने के बाद भी आपकी आत्मा रह सकती है परेशान
अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है या फिर आपने अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है तो फौरन बना लीजिए, नहीं तो हो सकता है कि बिना आधार कार्ड मरने के बाद आपकी आत्मा को शांति न मिले. दरअसल, बीबीएमपी श्मशान और कब्रिस्तान के कर्मचारी मृतकों के अंतिम संस्कार से पहले आधार कार्ड की मांग कर रहे हैं, ताकि मृतकों के शरीर का दाह संस्कार बिना किसी परेशानी के किया जा सके.
बेंगलुरु: अगर आपके पास आधार कार्ड (Aadhaar Card) नहीं है या फिर आपने अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है तो फौरन बना लीजिए, नहीं तो हो सकता है कि बिना आधार कार्ड मरने के बाद आपके मृत देह का अंतिम संस्कार न हो और आपकी आत्मा को शांति न मिले. दरअसल, बीबीएमपी श्मशान (BBMP crematoria) और कब्रिस्तान (Graveyards) के कर्मचारी मृतकों के अंतिम संस्कार से पहले आधार कार्ड की मांग कर रहे हैं, ताकि मृतकों के शरीर का दाह संस्कार बिना किसी परेशानी के किया जा सके. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट किया है जो लोग सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, उनके पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है. हाल ही में बेंगलुरु (Bengaluru) से एक ऐसा मामला सामने आया है जो यह बताता है कि जीते जी और मरने के बाद भी एक व्यक्ति के लिए आधार कार्ड कितना जरूरी है?
टाइम्स ऑफ इंडिया (Times of India) की एक खबर के अनुसार, पिछले हफ्ते विजयनगर में रहने वाले एक शख्स की 75 वर्षीय चाची का निधन हो गया, जब दुखी परिवार शव को अंतिम संस्कार के लिए आउटर रिंग रोड स्थित सुमनहल्ली श्मशान घाट (Sumanahalli crematorium) ले गया तो श्मशान कर्मचारी की बात सुनकर परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा. यह भी पढ़ें: आधार कार्ड से जुड़ी गलत जानकारी देने पर लग सकता है 10 हजार रुपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला
शव को लेकर श्मशान पहुंचे परिवार वालों से वहां के कर्मचारियों ने कहा कि अंतिम संस्कार के लिए स्लॉट को ऑनलाइन बुक करना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी मृत चाची का आधार कार्ड लाएं और वो भी ओरिजन होना चाहिए. श्मशान कर्मचारियों की मांग सुनकर परिवार हैरान रह गया, क्योंकि उनकी चाची का आधार कार्ड गायब था और उनके पास उसकी फोटोकॉपी भी नहीं थी.
हालांकि बाद में वो ई-आधार बनाने के लिए पास के एक साइबर कैफे में गए, लेकिन काम नहीं बन पाया, क्योंकि किन्हीं कारणों से उनका रजिस्टर मोबाइल नंबर ब्लॉक हो गया था. जैसे-तैसे वो मोबाइल नंबर को सक्रिय करने और प्रमाण के रूप में ई-आधार प्राप्त करने में कामयाब रहे, लेकिन यह उनके लिए एक दर्दनाक अनुभव था. यह भी पढ़ें: PAN-Aadhaar Link: क्या आपका पैन कार्ड आधार से जुड़ा? यहां करें चेक, सिर्फ एक दिन बाकी
गौरतलब है कि पूरे शहर में नागरिक निकाय के 12 विद्युत शवदाह गृह और 46 कब्रिस्तान हैं. जब इस बारे में जानने की कोशिश की गई तो सुमनहल्ली श्मशान के कर्मचारियों की दलील दी कि आधार कार्ड व्यक्ति का सबसे विश्वसनीय प्रमाण पत्र होता है, इसलिए वो इसकी मांग करते हैं, जबकि एक कर्मचारी का कहना था ऑनलाइन बुकिंग या स्लॉट बुक करने के दौरन आधार नंबर सुनिश्चित करने के लिए हम आधार की ओरिजनल कॉपी या फोटोकॉपी की मांग करते हैं. वहीं हेब्बल श्मशान (Hebbal Crematorium) के एक कर्मचारी का कहना है कि वे आधार मांगते हैं, लेकिन अगर किसी के पास आधार उपलब्ध नहीं है तो वो किसी अन्य पहचान प्रमाण पत्र को स्वीकार करते हैं.