बेंगलुरू, 30 सितम्बर : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बेंगलुरू में वाडरें के आरक्षण की सूची को सुधारने और अंतिम रूप देने के लिए भाजपा सरकार की याचिका को खारिज करते हुए सरकार से 31 दिसंबर तक नगर निकायों के लिए चुनाव प्रक्रिया पूरी करने को कहा. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के वाडरें के आरक्षण के लिए सरकार की अधिसूचना को भी रद्द कर दिया.
अदालत ने कहा कि महिलाओं और ओबीसी के लिए आरक्षण बेतरतीब ढंग से किया गया है, इसलिए यह फैसला किया जा रहा है. अदालत ने यह भी कहा कि चूंकि आरक्षण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी के अनुसार किया गया था, इसलिए उस सूची में कोई बदलाव नहीं होगा. अदालत ने सरकार को 30 नवंबर तक तय प्रक्रिया पूरी कर आरक्षण पर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा, ''चुनाव प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी कर ली जाए.'' यह भी पढ़ें : कांग्रेस को बदलाव के लिए खड़े होना चाहिए, खड़गे को मिले समर्थन से हैरानी नहीं : थरूर
सरकार ने अदालत को दिए अपने हलफनामे में आरक्षण सूची को संशोधित करने और सुधारने के लिए 16 सप्ताह का समय मांगा था, जिसे खारिज कर दिया गया. भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पार्टियां किसी तरह बीबीएमपी के चुनाव टालना चाहती हैं. वे विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनावों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों पार्टियों का मानना है कि निकाय चुनाव कराने से बेंगलुरु में स्थानीय नेताओं के बीच बगावत शुरू हो जाएगी और इसका सीधा असर विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा. सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर अभी चुनाव होते हैं, तो विधायक को अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव के लिए पैसे खर्च करने होंगे. बीबीएमपी ने हाल ही में बेंगलुरु में मतदाताओं की अंतिम सूची की घोषणा की थी. सूची के अनुसार, शहर के 243 वाडरें में 71,19,563 मतदाता हैं.