नई दिल्ली: रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिनमें ट्रेनों में भीख मांगने को अब अपराध की श्रेणी से बाहर करने की बात कही जा रही थी. मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी एक बयान में पुष्टि की गई कि ऐसा कोई प्रस्ताव रेलवे बोर्ड (Railway Board) के विचाराधीन नहीं है. पूर्व में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया था कि रेलवे ने केंद्रीय कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा है कि वह ट्रेन, प्लेटफॉर्म और स्टेशन में भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की अनुमति दे.
रेलवे ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है, जिसमें कि स्टेशन या ट्रेन में भीख मांगने की अनुमति दी जाए या इसे अपराध ना माना जाए. दरअसल कई मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया कि रेलवे ने अपने पुराने कानून में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) को एक प्रस्ताव भेजा है.
रिपोर्ट्स में कहा गया कि रेलवे ने जो प्रस्ताव भेजा है उसमें इंडियन रेलवेज एक्ट 1989 (Indian Railways Act 1989) के सेक्शन 144 (2) में संशोधन करने की मांग की गई है. इससे ट्रेन, रेलवे प्लेटफॉर्म या स्टेशन परिसर में भीख मांगना अपराध नहीं होगा. इस कानून के मुताबिक ट्रेन के डिब्बों के अंदर या रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते पकड़े जाने पर कानून 2,000 रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है.
ANI का अपडेट:
Contrary to certain media reports, there is no proposal to allow begging in trains or stations: Spokesperson, Ministry of Railways pic.twitter.com/vT4iO5Yw3p
— ANI (@ANI) September 6, 2020
प्रस्तावित परिवर्तनों के अनुसार, द हिंदू ने रिपोर्ट किया कि एक व्यक्ति ट्रेन में या स्टेशनों पर भीख मांगता हुआ पकड़ा जाएगा या उस पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. रेल मंत्रालय ने कहा कि रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं हैं. भीख मांगने के अधिनियम को डिक्रिमिनलाइज करने का प्रस्ताव पेश नहीं किया गया है.
भारतीय रेल के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव रेलवे ने नहीं भेजा है. रेलवे के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ट्रेनों, स्टेशनों या प्लेटफॉर्म पर भीख मांगने की इजाजत देने की भी कोई योजना या प्रस्ताव रेलवे के पास नहीं है.