मोदी सरकार का बड़ा फैसला- अब बैंक के डूबने पर डिपॉजिटर्स को 90 दिन में मिल जाएगी 5 लाख तक की रकम
केंद्र सरकार ने आम जनता के पैसों को बैंकों में और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए अहम निर्णय लिया है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डिपॉजिट बीमा क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन पर बड़ा फैसला लिया गया. इसके तहत अब किसी भी बैंक के डूबने की स्थिती में 90 दिन में जमाकर्ताओं का पैसा मिल जाएगा.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आम जनता के पैसों को बैंकों में और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए अहम निर्णय लिया है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डिपॉजिट बीमा क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन पर बड़ा फैसला लिया गया. सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अब किसी भी बैंक के डूबने की स्थिती में 90 दिन में जमाकर्ताओं को पांच लाख तक की रकम दे दी जाएगी. एसबीआई समेत छह बैंकों ने वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीबीआईसी में हिस्सेदारी खरीदी
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की कि अगर बैंक पर मोरेटोरियम (Moratorium) है, तो भी डिपॉजिटर्स को उनकी जमा बीमा राशि 90 दिनों के भीतर मिल जाएगी. उन्होंने बताया डीआईसीजीसी (जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम) कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे. यह प्रस्तावित संशोधन डिपॉजिटर्स के सबसे बड़े मुद्दे का समाधान प्रदान करेगी.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा “डिपॉजिट इंश्योरेंश क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का गठन इसलिए किया गया था, ताकि बैंक डिपॉजिटर्स को अगर किसी समय आरबीआई मोरेटोरियम लगाती है तो उस समय उनका पैसा बैंकों से निकालने पर जो रोक लगती थी उससे उनको दिक्कत आती थी.” प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष वित्तमंत्री ने इसकी सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि मोदी कैबिनेट ने आज कारोबार को और सुगम (Ease of Doing Business) बनाने को लिये सीमित जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) कानून में भी संशोधन को मंजूरी दी है.