
Bengaluru water crisis
Bengaluru Water Shortage: बेंगलुरु, जिसे भारत की आईटी राजधानी कहा जाता है, गंभीर जल संकट के मुहाने पर खड़ा है. हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह संकेत दिया गया है कि 2025 के अप्रैल महीने तक शहर के कई हिस्सों, विशेष रूप से व्हाइटफील्ड और दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु जैसे क्षेत्रों में, पानी की भारी किल्लत हो सकती है.
पिछले साल भी ऐसी ही स्थिति देखी गई थी, जब झीलें और बोरवेल सूखने लगे थे. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस साल समय पर समाधान नहीं खोजा गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु ने पिछले 30-40 सालों में इतना भयंकर सूखा नहीं देखा है. उनकी यह टिप्पणी तब आई जब शहर में लगभग 50% बोरवेल सूख चुके थे, और झीलों का पानी खत्म हो गया था.
यह स्थिति इतनी गंभीर थी कि हजारों परिवार निजी पानी के टैंकरों पर निर्भर हो गए थे. इस दौरान टैंकर माफियाओं ने पानी की अत्यधिक कीमत वसूल की, जिससे पानी खरीदना आम लोगों के लिए एक महंगा सौदा बन गया.
बेंगलुरु वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (BWSSB) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक अध्ययन ने 2025 के लिए गंभीर जल संकट की संभावना जताई है.
पिछले साल की गर्मी के दौरान, बेंगलुरु में 125 झीलें पूरी तरह से सूख गई थीं। इसके अलावा, 25 और झीलें सूखने की कगार पर थीं. यह स्थिति भीषण गर्मी और अत्यधिक पानी के उपयोग के कारण उत्पन्न हुई। इस दौरान टैंकर माफिया ने हालात का फायदा उठाया और पानी की कीमतें आसमान छूने लगीं.
अध्ययन में कुछ ठोस कदम उठाने का सुझाव दिया गया है ताकि संकट को टाला जा सके:
डैशबोर्ड की स्थापना
भूमिगत जल स्तर पर नजर रखने के लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड तैयार किया जाए. इससे अधिकारियों को जल संकट वाले क्षेत्रों की पहचान करने में आसानी होगी.
कावेरी जल नेटवर्क का विस्तार
हाई-रिस्क वार्डों में रहने वाले लोगों को भूमिगत जल पर निर्भरता कम करने के लिए कावेरी जल आपूर्ति से जोड़ा जाए.
वृक्षारोपण और झीलों का पुनर्वास
झीलों को पुनर्जीवित करने और जल संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की आवश्यकता है.
टैंकर माफिया पर लगाम
सरकार को टैंकर माफियाओं की मनमानी रोकने और पानी की उचित कीमत सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए.
बेंगलुरु का जल संकट एक बड़ी चेतावनी है. यह समस्या केवल सरकारी नीतियों से हल नहीं होगी; इसके लिए लोगों की सक्रिय भागीदारी और जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है. यदि समय रहते ठोस कदम उठाए गए, तो बेंगलुरु को जल संकट से बचाया जा सकता है और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य दिया जा सकता है.
शहर | पेट्रोल | डीज़ल |
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New Delhi | 96.72 | 89.62 |
Kolkata | 106.03 | 92.76 |
Mumbai | 106.31 | 94.27 |
Chennai | 102.74 | 94.33 |
Currency | Price | Change |
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