Ayodhya Ram Mandir Trust: राम मंदिर ट्रस्ट को निर्वाणी अखाड़ा प्रमुख महंत धर्मदास ने बताया अवैध, केंद्र सरकार को भेजा कानूनी नोटिस

अयोध्या (Ayodhya) में निर्वाणी अखाड़ा (Nirvani Akhara) के महंत धर्मदास (Mahant Dharam Das) ने गृह मंत्रालय को एक कानूनी नोटिस भेजा है. जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ramjanmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के गठन और विनियमन की मांग की गई है.

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण (Photo Credit: PTI)

लखनऊ: अयोध्या (Ayodhya) में निर्वाणी अखाड़ा (Nirvani Akhara) के महंत धर्मदास (Mahant Dharam Das) ने गृह मंत्रालय को एक कानूनी नोटिस भेजा है. जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ramjanmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के गठन और विनियमन की मांग की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आयेंगे शुक्रवार को अयोध्या, पावन नगरी को मिलेंगे दिवाली के कई सौगात

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में हिन्दू पक्षकारों में से एक रहे ‘निर्वाणी अखाड़ा’ ने यह आरोप लगाया है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए बनाया गया मौजूदा ट्रस्ट अवैध है. इसका गठन पिछले साल नवंबर में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ और मनमाना तरीके से किया गया है. महंत धर्मदास ने कानूनी नोटिस में चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार इसकी सूचना मिलने के दो महीने के भीतर कदम उठाने में विफल रहती है तो वह कानूनी सहारा लेंगे.

नोटिस में, महंत धर्मदास ने गृह मंत्रालय पर अनुसूचित जाति के सदस्य को सर्वकालिक ट्रस्टी बनाकर हिंदुओं को विभाजित करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला एक राजनीतिक एजेंडा के तहत लिया गया है. Ayodhya Deepotsav Celebrations 2020: अयोध्या में चौथे दीपोत्सव की तैयारियां जोरों शोरों पर, 5 लाख से ज्यादा दीये रामजन्म भूमि को करेंगे रोशन

उल्लेखनीय है कि इसी साल फरवरी महीने में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित नहीं किए जाने के बावजूद निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे, हालांकि उन्हें भाग नहीं लेने दिया गया. धर्मदास लंबे समय से राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किए जाने की मांग करते रहे हैं. साथ ही उनकी मुख्य मांग है कि जब राम मंदिर बन जाए तो उन्हें मुख्य पुजारी नियुक्त किया जाए.

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