अयोध्या मामले पर मध्यस्थता की प्रक्रिया के आदेश के बाद शुक्रवार को पहली सुनवाई होगी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर की संवैधानिक बेंच करेगी. आज की सुनवाई से पता चलेगा कि मध्यस्थता प्रक्रिया में अभी तक क्या हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अपने फैसले में मामले में मध्यस्थता को मंजूरी दी थी और तीन मध्यस्थों की नियुक्ति भी की थी. इन मध्यस्थों में जस्टिस कलीफुल्ला वकील श्रीराम पंचू (Sriram Panchu) और आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar) हैं. मध्यस्थता कमेटी ने 13 मार्च से सभी पक्षों को सुनना शुरू किया था.
मामले में शुक्रवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी. CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ मामले की सुनवाई करेगी. इस कमेटी को 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था. कोर्ट ने कहा था कि मध्यस्थता पर कोई मीडिया रिपोर्टिंग नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की प्रक्रिया को फैजाबाद में करने का आदेश दिया था. साथ ही आदेश दिया था कि प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होनी चाहिए.
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सुप्रीम कोर्ट मामले पर आज होने वाली सुनवाई से पता चल सकेगा कि अंतरिम रिपोर्ट में पैनल ने क्या कहा है और यह विवाद मध्यस्थता के जरिये सुलझने की संभावना है अथवा नहीं. और अगर मध्यस्थता से बात बन सकती है तो उसमें कितना समय लग सकता है. गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2010 में अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में फैसला देते हुए विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने जमीन को रामलला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड में बांटने का आदेश दिया था. साथ ही साफ किया था कि रामलला विराजमान को वही हिस्सा दिया जाएगा जहां वह विराजमान हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले को सभी पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फिलहाल यथास्थिति कायम है.