नई दिल्ली: देश के सबसे चर्चित मामलों में राम जन्मभूमि-जमीन विवाद मामले की सुनवाई एक बार फिर से शुरू होने जा रही है. इस केस की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच करेगी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में शुरुआती सुनवाई 29 अक्टूबर यानी सोमवार से शुरू होगी और उस दिन ही नियमित सुनवाई की तारीख तय होगी. चीफ जस्टिर रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
इससे पहले तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एम खानविलकर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने 2:1 के बहुमत से फैसला दिया था कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है. जस्टिस मिश्रा 3 अक्टूबर को रिटायर हो चुके हैं. जस्टिस मिश्रा के रिटायर होने के बाद चीफ जस्टिर रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुनवाई को लेकर नई पीठ का गठन हुआ है. जो अब इस मामले पर सोमवार से सुनवाई करने जा रहीं है. यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जल्द होगा शुरू, पत्थरों से भरे 70 ट्रक भेजेगा VHP
Supreme Court will hear from Oct 29 the pleas related to Ayodhya title suit in connection with Ram Janmabhoomi Babri Masjid case. On Oct 29, CJI Ranjan Gogoi & 2 other judges may decide whether the case would be heard on a day-to-day hearing or may fix the hearing schedule. pic.twitter.com/bTlKKeCw0n
— ANI (@ANI) October 27, 2018
बता दें कि इसके साथ ही बेंच ने यह कहा था कि 1994 का इस्माइल फारुखी फैसला सिर्फ जमीन अधिग्रहण को लेकर था. संविधान पीठ ने कहा था कि जमीनी विवाद से इसका लेना देना नहीं इसलिए सिविल मामले की सुनवाई होगी. हालांकि जस्टिस नजीर ने इससे असहमति जताते हुए कहा था कि संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार हो.