बेंगलुरु, 2 अगस्त: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्यों में लगे मुस्लिम श्रमिकों और ठेकेदारों को हटाने की मांग की गई है. श्रीराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद मुथालिक ने मांग की है कि हिंदू मजदूरों को ही काम पर रखा जाए. जिससे नया विवाद पैदा हो गया है.
बुधवार को बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए, प्रमोद मुथालिक ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य, कर्नाटक के पेजावर मठ के विश्वप्रसन्न तीर्थ के स्वामीजी को लिखित में आवेदन दिया है. Nuh Violence: नुकसान की भरपाई के लिए दंगाइयों से होगी वसूली, नूंह हिंसा पर बोले सीएम मनोहर लाल
मुथालिक ने कहा, ''अयोध्या में राम मंदिर के पुनर्निर्माण की कहानी हजारों हिंदुओं के खून और बलिदान से जुड़ी है. कट्टर मुसलमान आज भी दावा कर रहे हैं कि वे अदालत के फैसले की अवहेलना करेंगे और राम मंदिर को नष्ट करने के बाद फिर से बाबरी मस्जिद का निर्माण कराएंगे. ऐसी क्रूर मानसिकता वाले समुदाय को मंदिर के निर्माण कार्य में शामिल करना सही नहीं है."
मुतालिक ने कहा, ''श्रीराम मंदिर सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि यह करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ा है.''
मुथालिक ने आगे कहा कि भारत अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है और ऋषि विश्वकर्मा भारतीयों का गौरव हैं. ऐसे में श्री राम मंदिर को बनाने के लिए मुसलमानों को काम पर रखना विश्वकर्मा समुदाय का अपमान है.
उन्होंने कहा, श्री राम मंदिर निर्माण कार्य में शामिल मुस्लिम ठेकेदारों और मजदूरों को हटाकर हिंदू कारीगरों और मजदूरों से काम कराया जाए.
उन्होंने मांग की है कि ''जिया उल उस्मानी कंपनी को दिया गया अनुबंध समाप्त किया जाना चाहिए."