आत्मनिर्भर भारत अभियान: लोकल से ग्लोबल- वाराणसी के लंगड़ा आम हुए खास
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'लोकल के लिए वोकल' यानी स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और 'लोकल से ग्लोबल' यानी स्वदेशी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'लोकल के लिए वोकल' यानी स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और 'लोकल से ग्लोबल' यानी स्वदेशी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही. सरकार के तमाम प्रयासों के चलते धीरे-धीरे लोकल उत्पादों को पंख लगने शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में अब वाराणसी का लगड़ा आम बेहद खास हो गया है. बनारस का लंगड़ा हाम पहली बार दुबई की यात्रा पर निकल पड़ा है. वाराणसी के किसान शारदूल विक्रम ने बताया कि बनरसी लंगड़े आम की खासियत यह है कि इसकी गुठली बहुत पतली होती है और इसमें पल्प बहुत अधिक होता है। इसमें रेशे नहीं होते.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वदेशी जागरण मंच के माध्यम से यहां के किसान अपने आम विदेशों में पहुंचाने में सक्षम हो पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आम की पहली खेप वाराणसी के गांव भिखारीपुर से गई है. स्वदेशी जागरण मंच, पूर्वी यूपी के संयोजक आनंद श्रीवास्तव ने इस संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री की सोच लोकल से ग्लोबल को सफल बनाने में प्रशासन ने भी बहुत सहयोग किया. यह भी पढ़ : ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’: एमएफई के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना का ऐलान
यहां से निकले पहले ट्रक को हरी झंडी यहां के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने दी. दीपक अग्रवाल ने कहा कि यहां से आम पहले लखनऊ और फिर वहां से विमान द्वारा दुबई भेजा जाएगा. आम की अगली खेप को लंदन ले जाने की तैयारी है। बनारस के आम का विदेश जाना एक नये युग की शुरुआत है। इस पहल से किसानों की आमदनी निश्चित तौर पर बढ़ेगी. जिस तरह से किसानों में उत्साह दिखा है, उसे देखते हुए आने वाले समय में वाराणसी मैन्गो हब बन सकता है.
दुनिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक है भारत
आपको बता दें क भारत से हर साल 1.23 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर आम का उत्पादन होता है. यानी करीब 10.99 मिलियन टन. दुनिया में आम की कुल पैदावार का 57.18 प्रतिशत भारत में होता है। भारत के अलावा चीन, थाईलैंड, मैक्सिको, पाकिस्तान, फिलिपींस, इंडोनेशिया, ब्राज़ील, नाइजीरिया और मिस्र में होता है.