Assembly Election Results: राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में मिले जनादेश को स्वीकार किया, कहा- विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों में लोगों के जनादेश को स्वीकार किया और कहा कि विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने पार्टी को जनादेश देने के लिए तेलंगाना के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि वह 'प्रजालु तेलंगाना' के वादे को पूरा करेगी.

नई दिल्ली, 3 दिसंबर: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों में लोगों के जनादेश को स्वीकार किया और कहा कि विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने पार्टी को जनादेश देने के लिए तेलंगाना के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि वह 'प्रजालु तेलंगाना' के वादे को पूरा करेगी. सभी चुनावी राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रचार करने वाले राहुल गांधी ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, "हम विनम्रतापूर्वक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के जनादेश को स्वीकार करते हैं - विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी."

कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं तेलंगाना के लोगों का बहुत आभारी हूं - हम प्रजालु तेलंगाना बनाने का वादा जरूर पूरा करेंगे. सभी कार्यकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत और समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद."उनकी टिप्पणी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद आई है, जबकि वह तेलंगाना में जीतने में कामयाब रही. राहुल गांधी ने इस साल 25 अगस्त से इन चार चुनावी राज्यों में 64 रैलियां और रोड शो किया था. यह भी पढ़े:  चुनावी हार से ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस की मोलभाव करने की स्थिति हो सकती है कमजोर

इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "तेलंगाना के लोगों ने इतिहास रचा है और कांग्रेस पार्टी के पक्ष में जनादेश दिया है. यह तेलंगाना के लोगों की जीत है. यह तेलंगाना के लोगों, और कांग्रेस पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता की जीत है.” उन्होंने तेलंगाना के लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "कांग्रेस तेलंगाना में शांति, समृद्धि और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है."

उन्होंने कहा, "राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को विपक्ष की भूमिका सौंपी है. हम विनम्रता के साथ लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं." इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि 2003 में पार्टी को ऐसे ही नतीजे मिले थे, लेकिन 2004 के आम चुनाव में उसने वापसी की और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और सरकार बनाई थी.

रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ठीक 20 साल पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हार गई थी, जबकि केवल दिल्ली में जीत हासिल की थी, लेकिन कुछ महीनों के भीतर पार्टी ने वापसी की और आगे बढ़ी, लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और केंद्र में सरकार बनाई.” उन्होंने 'जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया' टैगलाइन जोड़ते हुए कहा, ''आशा, विश्‍वास और संकल्प की दृढ़ भावना के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रही है.''

यह टिप्पणी तब आई, जब राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 115 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि कांग्रेस 69 सीटों पर आगे थी. छत्तीसगढ़ में भाजपा 55 और कांग्रेस 35 सीटों पर आगे है और मध्य प्रदेश में कांग्रेस 63 सीटों पर आगे है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 166 सीटों पर आगे है. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कई गारंटी की घोषणा की थी. पार्टी की नजर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लगातार दूसरे कार्यकाल पर थी, लेकिन वह बहुमत हासिल करने में विफल रही.

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