नई दिल्ली: असम में आज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) के मसौदे को प्रकाशित किया जाएगा. इससे पहले मसौदे के लिए निर्धारित समयसीमा 30 जून थी, जिसे राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रकाशित नहीं किया जा सका. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन ने एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला द्वारा दाखिल रपट के आधार पर मसौदा प्रकाशित करने के लिए एक माह के विस्तार की मोहलत दी थी. इसे लेकर राज्य के अल्पसंख्यकों में भय और असमंजस का माहौल है. वहीं असम की सीमा से अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय और मणिपुर ने घुसपैठ की आशंका को लेकर सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है. इस बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. सुरक्षाबलों की 220 कंपनियां तैनात की गई हैं.
एनआरसी के दूसरे ड्राफ़्ट की कॉपी सुबह 10 बजे प्रकाशित होगी. एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों के नामों को शामिल किया जायेगा जो या उनके परिवार 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं. इस मसौदे को ऑनलाइन और राज्य के सभी एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके) में देखा जा सकेगा. बता दें कि इसी साल की शुरुआत में जरी किया गया था. जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल थे. एनआरसी में सुधार की प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन और निर्देशों के तहत 2013 में शुरू हुई थी.
वहीं, लोगों की चिंता बढ़ गई है कि यदि उनका नाम लिस्ट में नहीं आया तो क्या होगा. वैसे अभी यह साफ़ नहीं है कि जिनका नाम एनआरसी में नहीं होगा उनका क्या होगा? इन लोगों को अपील का मौका दिया जाएगा. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिया है कि वैध रूप से भारत में आने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी और उन्हें बाद में विदेशी न्यायाधिकरण के समक्ष अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा.
ज्ञात हो कि, एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया 2013 में शुरू हुई थी. यह प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन और दिशानिर्देशों के तहत की गई है.