Same-Sex Marriage: समलैंगिक विवाह के खिलाफ हैं असम, आंध्र प्रदेश और राजस्थान, कानूनी मान्यता देने का किया विरोध
आंध्र प्रदेश राज्य ने बताया कि उसने राज्य में विभिन्न धर्मों के धार्मिक प्रमुखों से परामर्श किया था, जिनमें से सभी ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दिए जाने के विचार का विरोध किया था.
Same-Sex Marriage: असम, आंध्र प्रदेश और राजस्थान राज्यों ने भारत में समलैंगिक विवाहों को वैध बनाने का विरोध किया है. राज्यों ने 18 अप्रैल को केंद्र सरकार द्वारा जारी एक पत्र के जवाब में अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समलैंगिक विवाह मामले में उठाए गए मुद्दों के संबंध में सभी राज्यों से राय मांगी की गई थीं.
आंध्र प्रदेश राज्य ने बताया कि उसने राज्य में विभिन्न धर्मों के धार्मिक प्रमुखों से परामर्श किया था, जिनमें से सभी ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दिए जाने के विचार का विरोध किया था. Same-Sex Marriage: समलैंगिक विवाह पर RSS से जुड़े निकाय का सर्वे ‘खतरनाक और भ्रामक’: LGBTQ कार्यकर्ता
असम राज्य ने कहा कि समलैंगिक जोड़ों और LGBTQIA+ समुदाय के लिए विवाह की मान्यता राज्य में लागू विवाह और व्यक्तिगत कानूनों से संबंधित कानूनों की वैधता को चुनौती देती है. असम सरकार ने मामले में याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए विचारों का विरोध किया और अपने विचारों को आगे रखने के लिए समय मांगा.
राजस्थान ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, राजस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार, समलैंगिक विवाह सामाजिक ताने-बाने में असंतुलन पैदा करेगा, जिसके सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था के लिए दूरगामी परिणाम होंगे. राज्य ने समान-लिंग विवाहों का विरोध किया लेकिन कहा कि दो समलैंगिक व्यक्तियों का एक-दूसरे के साथ रहना गलत नहीं है.
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और सिक्किम की सरकारों ने भी केंद्र के उस पत्र का जवाब दिया, जिसमें अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए और समय मांगा गया था.