PNB घोटाला: एंटीगुआ सरकार ने मारी पलटी, कहा- मेहुल चोकसी अब भारतीय नागरिक नहीं, वापस नही भेजेंगे
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 13,000 करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार होने वाले हिरा कारोबारी मेहुल चोकसी की भारत वापसी पर एंटीगुआ सरकार ने रोड़ा अटका दिया है. इसलिए अब भगौड़े चोकसी को देश वापस लाने पर सस्पेंस बन गया है.
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 13,000 करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार होने वाले हिरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की भारत वापसी पर एंटीगुआ सरकार ने रोड़ा अटका दिया है. इसलिए अब भगौड़े चोकसी को देश वापस लाने पर सस्पेंस बन गया है. दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत देश की बड़ी रकम लेकर भागे आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए अभियान शुरू करने जा रही है. इस मिशन के लिए एक लांग रेज (लंबी दूरी तक जानेवाले विमान) एयर इंडिया बोइंग की तैनाती की गई है, जिस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी वेस्टइंडीज जाएंगे और भगोड़ों को वापस लेकर आएंगे.
एक निजी चैनल से बातचीत में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ लियोनेल हर्स्ट हर्स्ट ने कहा कि मेहुल चोकसी अब भारत का नागरिक नहीं है क्योकि उसने अपनी भारतीय नागरिकता सरेंडर कर दी थी. इसलिए वह अब एंटीगुआ का नागरिक है और वहां की सरकार उससे नागरिकता नहीं छीन सकती है. अधिकारी ने कहा कि मेहुल चोकसी को भारत भेजने को लेकर अब तक कोई आदेश नहीं मिला है.
इसके अलावा शीर्ष अधिकारी ने साफ कहा कि भारत से भी किसी भी अधिकारी के एंटीगुआ में आने की कोई सूचना नहीं मिली है. उन्होंने कहा, " चोकसी के लिए भारत तक की लंबी यात्रा करना बेहद तकलीफ का काम है. इसलिए वह किसी भी हालत में भारत तक यात्रा नहीं करना चाहता है. ऐसे हालात में ये मामला ऐसा हो गया है जहां अदालत को अहम रोल निभाना है, इसमें राजनीतिक नेतृत्व का रोल कम हो गया है, हमनें अदालत के सामने याचिका दी है."
हाल ही में एंटीगुआ की सरकार ने मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पण करने का भरोसा दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एंटीगुआ और बारबुडा ने भारत को आश्वासन दिया कि जैसे ही कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी वह भगोड़े आभूषण कारोबारी मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण कर देगा. एंटिगुआ के विदेश मंत्री चेत ग्रीन ने यह आश्वासन दिया था.
बता दें कि कैरिबियाई द्वीप समूह के कई देशों में पैसे पर मिलने वाली विवादास्पद नागरिकता योजना का फायदा उठाकर हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी और विनसम डायमंड्स के प्रमोटर जतिन मेहता ने इन देशों की नागरिकता ले रखी है. मेहता जहां कुछ साल पहले सेंट किट्स एंड नेविस के नागरिक बन चुके हैं, वहीं, चोकसी ने एंटीगुवा और बारबुडा की नागरिकता हाल में ही ली है. ये द्वीपसमूह 132 देशों को वीजा मुक्त यात्रा प्रदान करते हैं. इसलिए भारतीय आर्थिक अपराधियों के बीच निवेश के द्वारा नागरिकता प्राप्त कर लेना लोकप्रिय हो गया है.
डोमिनिका और सेंट लुसिया वैध पासपोर्ट पर महज एक लाख डॉलर के निवेश से ही नागरिकता दे देते हैं, जो कि धनी लोगों के लिए प्राप्त करना बेहद आसान है. यहां तक कि उनके जीवनसाथी को भी नागरिकता थोड़ी अधिक रकम खर्च कर मिल जाती है, जो सेंट लुसिया के लिए 1,65,000 डॉलर और डोमिनिका के लिए 1,75,000 डॉलर है. जबकि, ग्रेनेडा इसी प्रकार से 2,00,000 डॉलर के निवेश पर नागरिकता प्रदान करता है.