VIDEO: आंध्र प्रदेश के सरकारी स्कूल में रैगिंग का मामला, 11वीं के छात्र को बेरहमी से पीटने के बाद बिजली के दिए करंट; 5 स्टूडेंट के खिलाफ केस दर्ज
देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में रैगिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. ऐसा ही एक भयावह मामला आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले के दाचेपल्ली में स्थित गवर्नमेंट जूनियर कॉलेज से सामने आया है.
Andhra Pradesh Ragging Case: देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में रैगिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. ऐसा ही एक भयावह मामला आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले के दाचेपल्ली में स्थित गवर्नमेंट जूनियर कॉलेज से सामने आया है. इस घटना में 12वीं कक्षा के पांच छात्रों ने 11वीं कक्षा के एक छात्र को निशाना बनाया. पीड़ित को बेरहमी से पीटने के बाद बिजली के झटके दिए गए और जान से मारने की धमकी दी गई. इस हमले में एक बाहरी व्यक्ति भी शामिल था, जिसने आरोपियों की मदद की.
पिटाई का वीडियो वायरल
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस क्रूर घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में आरोपी छात्र पीड़ित को थप्पड़ मारते, लात मारते और उसे जमीन पर बैठने के लिए मजबूर करते दिखाई दे रहे हैं. एक आरोपी कुर्सी पर बैठकर पीड़ित को धमकाता नजर आता है, जबकि दूसरा बिजली का तार लाकर उसे झटके देने की धमकी देता है. पीड़ित बार-बार बिजली का झटका न देने की गुहार लगाता है, लेकिन आरोपी उसकी बात नहीं सुनते. इसके बाद, पीड़ित को बीसी हॉस्टल ले जाया गया, जहां उसे और प्रताड़ित किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई. Ragging Case: नंगा कर प्राइवेट पार्ट से डंबल लटकाए, घावों पर छिड़का लोशन, केरल में खौफनाक रैगिंग, 5 छात्र गिरफ्तार
सरकारी स्कूल में रैगिंग
पुलिस जांच में जुटी
मामले में पीड़ित के माता-पिता ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज की है, और पुलिस ने पांचों नाबालिग छात्रों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है.
बाहरी व्यक्ति के खिलाफ भी जांच शुरू
बाहरी व्यक्ति की भूमिका की भी जांच की जा रही है. इस घटना के खिलाफ विभिन्न छात्र संगठनों ने स्कूल परिसर में विरोध प्रदर्शन किए और रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
रैगिंग का बढ़ता खतरा
यह कोई पहला मामला नहीं है. जुलाई में, तिरुवनंतपुरम के आलमकोड सरकारी वीएचएसएस में सीनियर छात्रों ने तीन जूनियर छात्रों की बेरहमी से पिटाई की थी. इस घटना में पीड़ितों को आंखों और चेहरे पर गंभीर चोटें आई थीं, और वीडियो के वायरल होने के बाद सात सीनियर छात्रों को निलंबित कर दिया गया था.
रैगिंग से संबंधित मौतों का आंकड़ा
सोसाइटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन (SAVE) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से 2024 के बीच भारत के शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग से संबंधित 51 मौतें दर्ज की गई हैं. विशेष रूप से मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग की स्थिति चिंताजनक है। भारत में उच्च शिक्षा के लिए नामांकित छात्रों में मेडिकल छात्रों की संख्या केवल 1.1% है, लेकिन रैगिंग से संबंधित मौतों में उनकी हिस्सेदारी 45.1% है.