एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया को ईडी ने जारी किया कारण बताओ नोटिस, फेमा कानून के उल्लंघन का है आरोप

वर्तन निदेशालय (ईडी) ने मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल को यह नोटिस विदेशी मुद्रा कानून के तहत कथित रूप से 51 करोड़ रुपये से अधिक के उल्लंघन के मामले में जारी हुआ है. अधिकारियों ने गुरूवार को बताया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत जांच पूरी होने के बाद नोटिस जारी किया गया है.

Hindutva activists demanding ban on Amnesty International in India | File image | (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) को यह नोटिस विदेशी मुद्रा कानून के तहत कथित रूप से 51 करोड़ रुपये से अधिक के उल्लंघन के मामले में जारी हुआ है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से आर्टिकल 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के उस दावे पर एमनेस्टी ने सवाल खड़े किये थे जिसमे मोदी ने कहा था कि विशेष राज्य का दर्जा हटाने के फैसले का स्थानीय लोगों ने समर्थन किया है. इसके साथ ही एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया (Amnesty International India) के प्रमुख आकार पटेल ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री मोदी को लगता है कि उनके फैसले का जम्मू-कश्मीर की आवाम ने समर्थन किया है तो संचार माध्यमों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लेना चाहिए.

अधिकारियों ने गुरूवार को बताया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत जांच पूरी होने के बाद नोटिस जारी किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि फेमा के न्याय निर्णय प्राधिकरण ने पिछले महीने यह नोटिस जारी किया. यह प्रवर्तन निदेशालय का विशेष निदेशक स्तर का अधिकारी होता है. यह भी पढ़े-बंगलूरू: एमनेस्टी इंटरनेशनल के ऑफिस पर ईडी का छापा, गैरकानूनी तरीके से विदेशी फंडिग लेने का आरोप

ईडी ने फेमा उल्लंघन मामले में जारी किया नोटिस-

उन्होंने कहा कि कथित फेमा उल्लंघन का मामला देश में नागरिक सामाजिक गतिविधियों के लिए 51.72 करोड़ रुपये की उधारी और ऋण से संबंधित है. एमनेस्टी ने यह राशि अपने मूल निकाय एमनेस्टी इंटरनेशनल, ब्रिटेन से सेवाओं के निर्यात के नाम पर प्राप्त की थी.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के आरोपों में संगठन के बेंगलुरु कार्यालय में छापेमारी की थी.

(भाषा इनपुट के साथ)

 

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