अमित शाह को अपने भाषण के लिए लोगों से ताली बजाने का अनुरोध करना पड़ा: अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

जद (यू) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के पूर्णिया में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में शामिल होने वाले लोगों में कोई उत्साह नहीं था. उन्होंने दावा किया कि अमित शाह को अपने भाषण के लिए लोगों से बार-बार ताली बजाने और उत्साह दिखाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

अमित शाह को अपने भाषण के लिए लोगों से ताली बजाने का अनुरोध करना पड़ा: अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

पटना, 24 सितम्बर : जद (यू) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के पूर्णिया में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में शामिल होने वाले लोगों में कोई उत्साह नहीं था. उन्होंने दावा किया कि अमित शाह को अपने भाषण के लिए लोगों से बार-बार ताली बजाने और उत्साह दिखाने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा, "रैली में आए लोग अमित शाह के अनुरोध के बाद ही ताली बजा रहे थे. यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि लोगों का भाजपा के प्रति कोई आकर्षण नहीं है. बिहार के लोगों को अब भगवा पार्टी पर भरोसा नहीं है."

उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अब स्मार्ट हो गए हैं और वे भाजपा के झूठ से अच्छी तरह वाकिफ हैं. जद (यू) के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा: "भाजपा हम पर विश्वास तोड़ने का आरोप लगा रही है, लेकिन मैं भाजपा से पूछना चाहता हूं कि उसके गठबंधन सहयोगी इसे क्यों छोड़ रहे हैं. उनके पास अपने गठबंधन सहयोगियों की पीठ में छुरा घोंपने की विचारधारा है. उन्हें 2015 के विधानसभा चुनाव को नहीं भूलना चाहिए. बिहार में जब पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य भर में 42 रैलियां की थीं और केवल 53 विधानसभा सीटें जीती थीं. बिहार के लोग उन्हें आगामी चुनावों में सबक सिखाएंगे." यह भी पढ़े: UNGA में भारत ने पाकिस्तान को दिया मुहतोड़ जवाब, कहा- आतंकियों को पनाह देने वाले शांति की बात करते हैं

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा: "अमित शाह ने बिहार के विशेष दर्जे के बारे में बात नहीं की जिसकी लोग उम्मीद कर रहे थे. वे भाजपा के झूठ से नाराज हैं और उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएंगे. 2024 में बिहार में भगवा पार्टी और 2025 के विधानसभा चुनाव में कोई उसका नाम नहीं लेगा."


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